उत्तराखंडस्वास्थ्य

बेस में इलाज और अल्ट्रासाउंड के लिए लगानी पड़ रही चार किमी की दौड़

अलमोड़ा 

जिले के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। यहां बेहतर उपचार कराना मरीजों के लिए चुनौती साबित हो रहा है। रेडियोलॉजिस्ट की कमी से यहां बीते 15 दिनों से अल्ट्रासाउंड जांच ठप हैं। यहां मरीजों का उपचार तो हो रहा है, लेकिन उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने के लिए चार किमी दूर जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ रही है। तीमारदार किसी तरह वाहन बुक कर मरीजों को जिला अस्पताल पहुंचा रहे हैं तब जाकर रिपोर्ट के साथ बेस अस्पताल पहुंच रहे हैं।

बेस अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है। अब तक यहां रेडियोलॉजिस्ट की स्थायी तैनाती नहीं हो सकी है। किसी तरह स्वास्थ्य विभाग से बेस अस्पताल को उधारी में रेडियोलॉजिस्ट मिले थे, लेकिन अब उन्हें भी वापस जिला अस्पताल बुला लिया गया है। ऐसे में यहां बीते 15 दिन से अल्ट्रासाउंड ठप हैं। यहां हर रोज 350 से अधिक मरीज बेहतर उपचार की उम्मीद में पहुंचते हैं। इनमें से 40 से अधिक मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच की जरूरत होती है। रेडियोलॉजिस्ट न होने से उन्हें अन्य अस्पतालों में रेफर करना मजबूरी बन गया है। इन हालात में मरीज बेस अस्पताल से चार किमी दूर जिला अस्पताल या अन्य सेंटरों में पहुंच रहे हैं तब जाकर वह अल्ट्रासाउंड कराने के बाद रिपोर्ट के साथ बेस अस्पताल पहुंचने के लिए मजबूर हैं।

रेडियोलॉजिस्ट न होने से घट रही है ओपीडी

मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से ओपीडी घट रही है। एनएमसी ने भी कॉलेज प्रबंधन को ओपीडी घटने का हवाला दिया है। अल्ट्रासाउंड ठप होने के बाद ही यहां हर रोज औसतन 40 से 50 ओपीडी घटी है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन के पास इससे निजात पाने का कोई विकल्प नहीं है। ऐसा इसलिए कि आचार संहिता के बाद ही रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए साक्षात्कार हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button