


छठ महापर्व में महिलाएं कठोर नियमों का पालन करते हुए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि व संतान की दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं। अगर महिलाएं पहली बार छठ व्रत कर रहे हैं, तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक अनुशासित और पवित्र जीवनशैली का प्रतीक भी है।
छठ पूजा अनुष्ठान के लिए आवश्यक सामग्री
व्रती और परिवार के लिए नए कपड़े
दो बड़ी बांस की टोकरियां (डावरी) – प्रसाद रखने के लिए
सूर्य देव को अर्घ्य देने हेतु बांस या पीतल का बर्तन
अर्घ्य के लिए दूध और गंगाजल रखने वाला गिलास, लोटा और थाली
पानी से भरा नारियल
पांच पत्तेदार गन्ने के तने
चावल, गेहूं और गुड़
12 दीपक, अगरबत्ती, बत्तियां, कुमकुम और सिंदूर
केले का पत्ता (पूजन स्थल सजाने के लिए)
फलों में – केला, सेब, सिंघाड़ा, शकरकंद, सुथनी (रतालू), अदरक का पौधा
हल्दी की गांठें और सुपारी
शहद और मिठाइयां
गंगाजल और दूध (अर्घ्य व स्नान हेतु)
प्रसाद में बनाने के लिए ठेकवा, गुड़ और गेहूं के आटे की सामग्री