उत्तराखंड
13 साल की नाबालिग से दुष्कर्म करने के दोषी युवक को कोर्ट ने बीस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पॉक्सो कोर्ट के जज पंकज तोमर ने दोषी पर कुल 1.55 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की राशि में पीड़िता को 1.50 लाख रुपये प्रतिकर के रूप में दिए जाएंगे।
पीड़िता के पिता मूलरूप से बागेश्वर जिले के निवासी हैं। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि घटनाक्रम को लेकर 31 अक्तूबर 2021 को प्रेमनगर थाने में केस दर्ज किया गया।पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी अपनी बुआ के यहां थी। वहां शौच करते हुए चिल्लाई और बेहोश हो गई। परिजनों ने देखा तो उसके पास मृत भ्रूण पड़ा था। पीड़िता को दून अस्पताल लेकर गए। चादर में भ्रूण को भी लपेटकर ले गए।
उपचार के बाद होश में आई पीड़िता ने बताया कि विधौली के जिस मकान में वह किराये पर रह रहे थे, वहां मकान मालिक के बेटे पंकज सिंह बिष्ट ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। प्रेमनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने 23 दिसंबर 2021 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की।
मकान मालिक का बेटा है दुष्कर्म का दोषी
कोर्ट में केस ट्रायल पर आया तो पीड़िता ने बताया कि उसके पिता उस वक्त होटल में काम करते थे। मां गर्भवती थी। इसलिए कपड़े सूखाने को वह छत पर जाती थी। एक दिन पंकज ने पीड़िता को छत पर रोका। वहां पहले चॉकलेट दी।
इसके बाद दुष्कर्म किया। धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा। आरोप है कि एक-एक दिन छोड़कर चार-पांच बार आरोपी ने यह हरकत की। डर के मारे पीड़िता किसी को नहीं बता पाई।
इसके बाद गर्भपात के रूप में मरा भ्रूण निकला तो घटनाक्रम का पता लगा। पुलिस ने एक नवंबर 2021 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में 14 मार्च 2022 को आरोप तय हुए। बुधवार को न्यायालय ने मामले में फैसला सुनाया।