नाव से महाकुंभ: बक्सर के 7 युवाओं की अनोखी यात्रा बनी चर्चा का विषय
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महाकुंभ 2025 में भीड़ और ट्रैफिक जाम से बचने के लिए बिहार के बक्सर जिले के सात युवाओं ने एक अनोखा तरीका अपनाया। इन युवाओं ने नाव के सहारे 550 किलोमीटर की दूरी मात्र 84 घंटे में पूरी कर प्रयागराज संगम में पुण्य स्नान किया।
भीड़ और जाम से बचने के लिए चुना नया रास्ता
8 से 9 फरवरी के दौरान प्रयागराज के हर रास्ते पर जबरदस्त ट्रैफिक जाम था। रेलवे स्टेशनों पर भीड़, ट्रेनों में सीटों की मारामारी और हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतारों ने श्रद्धालुओं को मुश्किल में डाल दिया।
इसी बीच, बक्सर जिले के कम्हरिया गांव के सात दोस्तों—सुखदेव चौधरी, आडू चौधरी, सुमन चौधरी, मुन्नू चौधरी और उनके साथी—ने नाव से प्रयागराज पहुंचने का अनोखा निर्णय लिया।
यात्रा की तैयारी: सुरक्षा और सुविधा का रखा ध्यान
- युवाओं ने एक मजबूत नाव पर दो मोटर लगाए ताकि अगर एक मोटर खराब हो जाए तो दूसरा काम करता रहे।
- पेट्रोल, राशन-पानी और अन्य जरूरी सामान इकट्ठा कर 11 फरवरी को बक्सर से रवाना हुए।
- गंगा की धारा का सहारा लेकर लगातार चलते रहे और 550 किलोमीटर की दूरी मात्र 84 घंटे में पूरी कर संगम तट पर पहुंचे।
कितना आया खर्च?
पूरी यात्रा के दौरान इन युवाओं ने करीब ₹25,000 से ₹30,000 तक का खर्च किया। इसमें पेट्रोल, खाने-पीने का सामान और अन्य जरूरी चीजें शामिल थीं।
सुरक्षित वापसी और यादगार अनुभव
महाकुंभ में पुण्य स्नान करने के बाद, इन युवाओं ने नाव से ही अपने गांव लौटने का फैसला किया। यह यात्रा पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है, और अब कई लोग इस रोमांचक सफर को अपनाने पर विचार कर रहे हैं।
जहां लाखों श्रद्धालु ट्रैफिक और भीड़ से जूझ रहे थे, वहीं इन युवाओं ने गंगा नदी के जरिए एक बेहतरीन विकल्प खोज निकाला। यह यात्रा साहस, सूझबूझ और नई सोच का एक अद्भुत उदाहरण बन गई है, जो अब सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है।