मेडिकल कॉलेजों की बढ़ती लागत पर मंत्री रावत ने जताई नाराजगी

देहरादून: उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्यों की लगातार बढ़ रही लागत पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री रावत ने विभागीय अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
बैठक में हरिद्वार, रूद्रपुर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों द्वारा पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के दौरान मंत्री रावत ने निर्माण लागत में लगातार वृद्धि और कार्यों में हो रही देरी पर कड़ी आपत्ति जताई।
डॉ. रावत ने स्पष्ट किया कि कार्यदायी संस्थाओं को डीपीआर तैयार करते समय भवन निर्माण के मानकों को ध्यान में रखना चाहिए और अनुबंध के अनुरूप निर्धारित समय पर कार्यों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने पुनर्गणना प्रस्तुत करने की प्रथा को सैद्धांतिक रूप से गलत बताया और कहा कि इससे न केवल निर्माण कार्यों में अधिक समय लगता है बल्कि सरकार को भी अधिक बजट खर्च करना पड़ता है।
मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे डीपीआर तैयार करने से लेकर कार्य पूर्ण होने तक नियमित मॉनिटरिंग करें। उन्होंने भविष्य में इस प्रकार की परंपरा को समाप्त करने का भी निर्देश दिया।
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के संदर्भ में मंत्री रावत ने बताया कि कैंपस के विस्तार के लिए 200 नाली अतिरिक्त भूमि खरीदी जाएगी। साथ ही मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय को जोड़ने के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था भी की जाएगी। इस संबंध में उन्होंने सचिव स्वास्थ्य को जिलाधिकारी अल्मोड़ा के साथ शीघ्र वर्चुअल बैठक आयोजित करने को कहा।
मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जो भवन और छात्रावास बनकर तैयार हो गए हैं, उन्हें विधिवत रूप से हैंडओवर कर लिया जाए। बैठक में सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार, प्रबंध निदेशक जल निगम रणवीर सिंह चौहान, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यगण तथा ब्रिज एंड रूफ व पेयजल निर्माण निगम के अधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विकास में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।