उत्तराखंड में लागू हुई देश की पहली योग नीति 2025, बनेगा योग की वैश्विक राजधानी

गैरसैंण -: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड ने देश में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में देश की प्रथम योग नीति 2025 की अधिसूचना जारी करके उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
दो वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम
उत्तराखंड योग नीति 2025 को तैयार करने की प्रक्रिया वर्ष 2023 से शुरू हुई थी। आयुष विभाग ने आयुर्वेद विशेषज्ञों और विभिन्न हितधारकों से व्यापक सुझाव लेकर इस नीति का निर्माण किया। प्रारंभिक ड्राफ्ट में कुछ कमियों के बाद शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार संशोधन करके यह व्यापक नीति तैयार की गई। मई 2025 में विधायी विभाग से अनुमोदन के बाद 28 मई को धामी मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी प्रदान की थी।
2030 तक पांच नए योग हब का लक्ष्य
योग नीति के तहत राज्य सरकार ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। वर्ष 2030 तक उत्तराखंड में कम से कम पांच नए योग हब स्थापित करने की योजना है। इनमें जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीढेक झील क्षेत्र शामिल हैं। इन स्थानों का चयन प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए किया गया है।साथ ही मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स में योग सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।
रोजगार के नए अवसर
योग नीति के क्रियान्वयन से उत्तराखंड में रोजगार के व्यापक अवसर सृजित होने की उम्मीद है। सरकारी अनुमान के अनुसार:
- 13,000 से अधिक नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे
- 2,500 योग शिक्षक योग सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणित होंगे
- 10,000 से अधिक योग अनुदेशकों को होमस्टे, होटल और अन्य पर्यटन संस्थानों में रोजगार मिलने की संभावना है
देवभूमि से वैश्विक पहचान तक
उत्तराखंड को देवभूमि के रूप में जानी जाने वाली इस धरती का योग से गहरा नाता है। हिमालय की तलहटी में स्थित यह राज्य प्राचीन काल से ही योग और आध्यात्म का केंद्र रहा है। नई योग नीति के माध्यम से राज्य सरकार इस प्राकृतिक लाभ को आर्थिक अवसरों में बदलने की दिशा में काम कर रही है।
राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण
उत्तराखंड की यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित करती है। यह नीति न केवल योग को बढ़ावा देगी बल्कि स्वास्थ्य पर्यटन, ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इस ऐतिहासिक नीति के लागू होने से उत्तराखंड योग और वेलनेस के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में अग्रसर है।