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केदारनाथ में प्लास्टिक रहित प्रसाद मिलेगा

केदारनाथ में गुणवत्तापूर्ण और प्लास्टिक रहित प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता. इसके लिए निरंतर स्वयं सहायता समूहों और जिला स्तरीय अधिकारियों के बीच बैठक हो रही है। वहीं प्रशासन की ओर से श्रीकेदारनाथ महाप्रसाद स्वायत सहकारी संघ में महिला स्वयं सहायता समूहों के पंजीकरण के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि यात्रियों को स्थानीय प्रसाद अच्छी गुणवत्ता का मिले, इस पर काम किया जा रहा है। गुणवत्ता के लिए

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई है. उन्होंने कहा कि अभी करीब 70 स्वयं सहायता समूह प्रसाद बनाने का काम कर रही है। समूहों ने करीब 200 क्विंटल चौलाई का भंडारण किया है, प्रसाद में चौलाई के लड्डू, धूप, गंगा जल, घी सहित अन्य तत्व शामिल किये गये हैं. इससे करीब 250 महिलाओं रोजगार मिल रहा है. मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह है कि धाम आने वाला हरेक श्रद्धालु यहां से अच्छा संदेश लेकर जाये, उसे गुणवत्तापूर्ण प्रसाद मिले। प्रसाद की पैकेजिंग प्लास्टिक रहित हो, इस पर हमारा मुख्य फोकस है।

स्थानीय महिलाओं की आजीविका से जुड़ा यह रोजगार आने वाले समय में विस्तृत रूप लेगा. प्रसाद की गुणवत्ता जांचने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारीको विशेष ‘दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रसाद की पैकेजिंग में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. प्रसाद वितरण के लिए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से वार्ता की जा रही है. सीडीओ ने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा में पिछले वर्ष 15 लाख से अधिक पदे अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले वर्ष का आकड़ा इस बार टूट जायेगा।  ऐसे में प्रशासन स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा में खास तौर पर गुणवत्तापूर्ण प्रसाद देने का लक्ष्य रखा गया है। इससे जहां एक और स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं तीर्थयात्री भी देवभूमि से अच्छा संदेश लेकर जायेंगे।

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