दृष्टिहीन बच्चों के गीत से भावुक हुईं राष्ट्रपति मुर्मू, आंखों से छलके आंसू

देहरादून : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उत्तराखंड प्रवास के दौरान शुक्रवार को एक अत्यंत भावुक दृश्य देखने को मिला जब दृष्टिबाधित बच्चों ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए मधुर गीत प्रस्तुत किए। देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टिहीन दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) में आयोजित इस कार्यक्रम में जब बच्चों ने “बार बार दिन ये आए, बार बार दिल ये गाए, तू जिए हजारों साल” का प्रसिद्ध गीत गाना शुरू किया, तो पूरा माहौल भावनाओं से भर गया।
गीत सुनकर रो पड़ीं राष्ट्रपति
बच्चों की मधुर आवाज और दिल से निकले गीत को सुनकर राष्ट्रपति मुर्मू अपनी भावनाओं को संभाल नहीं सकीं। गीत समाप्त होते-होते उनकी आंखों से अश्रुधारा छलक उठी। जब राष्ट्रपति आंखें पोंछने लगीं तो एडीसी ने तुरंत उन्हें रुमाल उपलब्ध कराया। इन भावुक क्षणों के बीच जब बच्चों ने राष्ट्रपति को जन्मदिन की बधाई दी तो पूरा सभागार करतल ध्वनि से गूंज उठा।
इस दिल छू लेने वाले दृश्य का प्रभाव केवल राष्ट्रपति पर ही नहीं पड़ा। मंच पर उपस्थित केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) की आंखें भी नम हो गईं। पूरे सभागार में गहरे भावनात्मक क्षण का अनुभव हुआ।
राष्ट्रपति का हृदयस्पर्शी संबोधन
अपने उद्बोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “जब मैं इन बच्चों को गाते हुए देख रही थी तो मेरी आंखें आंसुओं से भर आईं। ये बच्चे गले से नहीं, बल्कि दिल से गा रहे थे। लगता है मां सरस्वती इनके कंठ में विराजमान हैं।”
राष्ट्रीय दृष्टिहीन दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) दृष्टिबाधित बच्चों के कल्याण और उनके समग्र विकास के लिए कार्य करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है। यहां के बच्चों की प्रतिभा और उनके आत्मविश्वास ने राष्ट्रपति सहित सभी उपस्थित लोगों के दिलों को छू लिया।यह कार्यक्रम न केवल राष्ट्रपति के जन्मदिन का उत्सव था, बल्कि यह दिव्यांग बच्चों की असाधारण प्रतिभा और उनके जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का भी प्रमाण था।