BREAKING NEWS: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पुर्तगाल और स्लोवाकिया यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय का बयान—50 वर्षों के राजनयिक संबंधों का प्रतीक

नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जल्द ही पुर्तगाल और स्लोवाकिया की राजकीय यात्रा पर रवाना होंगी। इस बहुप्रतीक्षित दौरे को लेकर आज विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और इसे “ऐतिहासिक व प्रतीकात्मक यात्रा”बताया।
तन्मय लाल ने कहा, “यह यात्रा एक महत्वपूर्ण समय पर हो रही है, क्योंकि भारत और इन दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा, भारत के राष्ट्रपति की पिछली पुर्तगाल यात्रा को 27 वर्ष बीत चुके हैं, जिससे यह दौरा और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।”
प्रमुख बिंदु:
– राष्ट्रपति मुर्मू की यह पहली यात्रा होगी पुर्तगाल और स्लोवाकिया के लिए।
– भारत और पुर्तगाल ने 1975 में औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
– राष्ट्रपति की इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को और सशक्त करना है, जिसमें व्यापार, शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और प्रवासी भारतीय समुदाय से जुड़ी चर्चाएं शामिल होंगी।
– स्लोवाकिया के साथ भारत के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में तेजी से मजबूत हुए हैं, खासकर तकनीकी सहयोग और निवेश के क्षेत्र में।
– राष्ट्रपति अपने दौरे के दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से मिलेंगी और व्यापक चर्चा व समझौतों की संभावना है।
यह यात्रा न सिर्फ भारत की कूटनीतिक सक्रियता को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत यूरोप के साथ बहुपक्षीय सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह यात्रा भारत की वैश्विक भूमिका और प्रभाव को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।