आरएसएस शताब्दी वर्ष पर बदरीनाथ धाम में भव्य पथ संचलन

बदरीनाथ धाम, 6 अक्टूबर: शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विजयादशमी पर पूर्ण हुए शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में बदरीनाथ धाम में भव्य पथ संचलन आयोजित किया गया। स्वामीनारायण मंदिर से प्रारंभ हुआ यह संचलन सिंह द्वार पर संपन्न हुआ। तीन सौ से अधिक स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया और इस दौरान संघ का साहित्य भी वितरित किया गया।
स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में, मिनी स्वयंसेवकों के बैंड की धुनों और “वंदे मातरम्”, “भारत माता की जय” के उदघोष के साथ अनुशासित पंक्तियों में मार्च करते हुए माणा रोड, बस टर्मिनल मार्ग और साकेत तिराहे से मंदिर की ओर बढ़े।
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामीनारायण मंदिर सभागार में दीप प्रज्वलन, ध्वजारोहण और “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” प्रार्थना के साथ हुआ। प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि विजयादशमी के उपलक्ष्य में देशभर में संघ के विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने डॉ. हेडगेवार, बाबा साहब देवरस और रज्जू भैया सहित सभी संघ प्रमुखों का स्मरण करते हुए कहा कि संघ का उद्देश्य प्रत्येक परिवार तक पहुँचना और युवाओं को शाखाओं से जोड़ना है।
उन्होंने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए शस्त्र के साथ शास्त्र का ज्ञान भी आवश्यक है। संगठन में ही शक्ति है, और आज विश्व के 60 देशों में संघ की शाखाएं संचालित हो रही हैं। संघ व्यक्ति-केंद्रित नहीं, बल्कि सर्वसमावेशी और सह-अस्तित्व की भावना पर आधारित संगठन है।
बदरीपुरी में स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने जगह-जगह फूल वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। इस अवसर पर संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने की ऐतिहासिक यात्रा, राष्ट्रीय एकता, अखंडता, समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण के आदर्शों पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, विभाग प्रचारक मनोज, मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, महात्मा अमित दास महाराज, जिला प्रचारक मिथिलेश, अतुल शाह सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक, गणमान्य नागरिक और तीर्थयात्री उपस्थित रहे। आयोजन शांतिपूर्ण और अनुशासित वातावरण में सिंह द्वार पर प्रांत प्रचारक के आशीर्वचन और आभार के साथ संपन्न हुआ।