
देहरादून: यूकेएसएसएससी (UKSSSC) परीक्षा में गड़बड़ी से निराश अभ्यर्थियों की जनसुनवाई के दौरान भावनात्मक माहौल देखने को मिला। जब एक अभ्यर्थी ने कहा — “पापा सब्जी बेचकर रुपये भेजते हैं, अब दून में रह पाना मुश्किल हो गया है,” तो यह सुनकर जांच आयोग के अध्यक्ष की आंखें नम हो गईं।
गुरुवार को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग के समक्ष अभ्यर्थियों ने अपनी समस्याएं और पीड़ा रखी। कई अभ्यर्थियों ने बताया कि वे गरीब और संघर्षशील परिवारों से आते हैं, जहां माता-पिता खेती या छोटे-मोटे व्यवसाय करके उन्हें पढ़ने भेजते हैं।
टिहरी गढ़वाल के अभ्यर्थी दीपक नौटियाल ने बताया कि उन्हें सुबह अखबार से पता चला कि पेपर लीक हो गया है। यह खबर सुनते ही उनके “पैरों तले जमीन खिसक गई।” उन्होंने कहा कि अब परिवार आर्थिक तंगी में है और आगे की तैयारी का खर्च उठा पाना मुश्किल हो गया है।
जनसुनवाई के दौरान कई अभ्यर्थी अपनी बात रखते हुए भावुक हो उठे। आयोग के अध्यक्ष ने सभी को धैर्य रखने का संदेश दिया और भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी तथा अभ्यर्थियों के हितों की पूरी रक्षा होगी।