उत्तराखंड: पंचायत चुनाव की अधिसूचना को लेकर निर्वाचन आयोग में मंथन

देहरादून – हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के शेष 12 जिलों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अब सभी की निगाहें राज्य निर्वाचन आयोग पर टिकी हैं। पंचायतों में आरक्षण का प्रस्ताव मिलने के बाद आयोग गहन मंथन में जुटा है और सरकार से विमर्श के बाद जल्द ही चुनावी अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है।
चुनावी तैयारियां पूर्ण
पंचायत चुनाव की दृष्टि से सरकारी स्तर पर सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण हो चुकी हैं। इनमें ग्राम पंचायतों का परिसीमन और पुनर्गठन, क्षेत्र और जिला पंचायतों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन तथा पंचायतों में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण शामिल है। पंचायतों में विभिन्न पदों और स्थानों पर आरक्षण का निर्धारण भी कर लिया गया है और इससे संबंधित सूची राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है।
अगले माह चुनाव की संभावना
अब तक मिल रहे संकेतों के अनुसार, सरकार की मंशा अगले माह पंचायत चुनाव कराने की है। हालांकि, राज्य में मानसून की दस्तक और कुछ कानूनी मुद्दे आयोग के लिए विचारणीय बिंदु हैं।
हाईकोर्ट की सुनवाई का इंतजार
पंचायतों में आरक्षण निर्धारण का मामला फिलहाल उत्तराखंड हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इस मुद्दे पर 23 जून को अदालत में सुनवाई होनी है, जिस पर सरकार और निर्वाचन आयोग दोनों की पैनी नजर है। इस सुनवाई के परिणाम का चुनावी कार्यक्रम पर प्रभाव पड़ सकता है।
आयोग की रणनीति
राज्य निर्वाचन आयोग इन सभी पहलुओं पर गहन मंथन कर रहा है। आयोग को शासन की ओर से चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम मिलने की भी प्रतीक्षा है। मानसून, न्यायालयीन मामले और चुनावी लॉजिस्टिक्स को ध्यान में रखते हुए आयोग सरकार के साथ सभी परिस्थितियों पर विस्तृत विमर्श करने के बाद पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्णय लेगा।यह चुनाव राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और जमीनी स्तर पर जनप्रतिनिधित्व को मजबूती प्रदान करेगा।