
देहरादून l राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और छोटे उद्यमियों को मजबूत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार ने एक नई स्वरोजगार नीति का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, अब छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार मौजूदा राशि से चार गुना तक का ऋण देगी।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (MSY) और मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म (नैनो) योजना को समायोजित कर यह नई नीति बनाई गई है। जहां पहले नैनो योजना के तहत अधिकतम 50,000 रुपये का ऋण दिया जाता था, वहीं अब यह सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये की जा रही है। आगामी कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
नई स्वरोजगार नीति के प्रमुख बिंदु:
छोटे व्यवसाय के लिए ऋण सीमा अब 50,000 से बढ़ाकर 2 लाख रुपये
ए और बी श्रेणी क्षेत्रों में अधिकतम 30% सब्सिडी, सी और डी श्रेणी में अधिकतम 25% सब्सिडी
महिला लाभार्थियों को 5% अतिरिक्त सब्सिडी
ग्रामीण और नगर पंचायत क्षेत्रों में व्यवसाय शुरू करने पर अतिरिक्त सब्सिडी
GI टैग या “एक जिला एक उत्पाद” योजना के तहत विनिर्माण करने वालों को भी विशेष लाभ
पृष्ठभूमि और आंकड़े:
कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और नैनो योजना के जरिए 2020 से जनवरी 2025 तक कुल 31,715 लोगों को स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान किया गया। इससे 95,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला। वहीं, नैनो योजना से 4,658 लाभार्थियों को मदद मिली।
लक्ष्य और संभावनाएं:
नई नीति का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 50,000 युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। उद्योग विभाग के सचिव विनय शंकर पांडेय के अनुसार, यह प्रस्ताव अंतिम परीक्षण चरण में है और जल्द ही कैबिनेट में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल न केवल स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी मजबूती देगी। महिलाओं, कारीगरों और छोटे व्यापारियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।