उत्तराखंडउधम सिंह नगरघटना

रुद्रपुर डबल मर्डर: अवैध कब्जे के विरोध में पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या, बड़े बेटे ने बचाई जान

ऊधम सिंह नगर, रुद्रपुर :  गल्ला मंडी क्षेत्र में रविवार देर रात जमीन कब्जे को लेकर हुए दोहरे हत्याकांड ने शहर को दहला दिया। अवैध कब्जे का विरोध करने पर 62 वर्षीय गुरमेज सिंह संधू और उनके छोटे बेटे मनप्रीत सिंह (28) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बड़ा बेटा सुरेंद्र सिंह उर्फ हनी किसी तरह जान बचाकर वहां से भागा और अब आंखों देखी घटना का दर्दनाक ब्यौरा दे रहा है।

हनी के अनुसार, “भाई को सीने में गोली लगी और वह तुरंत जमीन पर गिर गया। पापा को 15 मिनट तक तड़पते देखा। मुझे भी गोली मारी गई, लेकिन मैं किसी तरह भाग निकला। अगर न भागता, तो मैं भी मारा जाता।”

पीड़ित परिवार की दुकान लुधियाना एग्रो ट्रेडर्स कुछ माह पहले बैंक की नीलामी से खरीदी गई थी। रविवार रात उन्हें सूचना मिली कि कुछ लोग दुकान पर कब्जा करने पहुंचे हैं। गुरमेज सिंह और मनप्रीत मौके पर पहुंचे तो देखा कि जेसीबी मशीन से दीवार तोड़ी जा रही थी और सामान ले जाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली भी लाई गई थी।

विरोध करने पर हमलावरों ने दोनों को गोली मार दी। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हमलावरों के पास हथियार थे और योजना पूरी तरह से साजिशन थी। आरोपियों में कुछ ने चेहरे ढके हुए थे। वारदात के बाद सभी फरार हो गए।

पुलिस के अनुसार, इस अवैध कब्जे के लिए अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति ने रुद्रपुर और बिलासपुर से लोगों को बुलाया था। योजना थी कि दुकान पर कब्जा किया जाए और विवाद खड़ा किया जाए। लेकिन जब परिवार ने विरोध किया, तो गुरमेज और मनप्रीत की हत्या कर दी गई।घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एसपी सिटी उत्तम सिंह नेगी, और सीओ प्रशांत कुमार ने मौके पर पहुंचकर जांच की। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

बड़े बेटे सुरेंद्र सिंह की तहरीर पर मॉडल कॉलोनी निवासी दिनेश सलूजा और अवधेश सलूजा सहित 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि हमले में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है और अपराधियों की तलाश के लिए चार टीमें और एसओजी को लगाया गया है।

“आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।” – एसएसपी मणिकांत मिश्रा

गुरमेज सिंह पिछले दस साल से कृषि यंत्रों की मरम्मत का काम कर रहे थे और हाल ही में अपने बेटों के साथ दुकान का संचालन कर रहे थे। परिवार मूल रूप से लुधियाना से आया था और मेहनत से कारोबार खड़ा किया था।इस हत्या से शहर में शोक और गुस्से का माहौल है। रिश्तेदार लुधियाना और आसपास के इलाकों से पहुंच रहे हैं। यह घटना अवैध कब्जे और अपराधियों के बढ़ते हौसलों की गंभीर तस्वीर पेश करती है।

 

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