टिहरी: जौनपुर ब्लॉक के चिफल्टी गदेरे को जेसीबी से पार करने की वायरल खबर पर प्रशासन ने दी सफाई, एक सप्ताह में शुरू होगी ट्रॉली सेवा

टिहरी: जौनपुर ब्लॉक के चिफल्टी गदेरे को ग्रामीणों द्वारा जेसीबी मशीन की सहायता से पार करने की एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इस पर टिहरी के जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि इस स्थल पर पूर्व में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई-2) के तहत 30 मीटर स्पान के स्टील पुल का निर्माण कार्य प्रस्तावित था, लेकिन अगस्त 2024 में आई भारी बारिश और अचानक बाढ़ के कारण नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया। परिणामस्वरूप निर्माणाधीन पुल की दोनों ओर की एप्रोच (पहुंच मार्ग) बह गई, नदी में मलबा जमा हो गया और चौड़ाई में वृद्धि हो गई, जिससे पुल का ढांचा नदी के बीच में आ गया और वह अनुपयोगी हो गया।
इसके बाद पुल की डिजाइन में परिवर्तन करते हुए अप्रैल 2025 में उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी (यूआरआरडीए) द्वारा 48 मीटर स्पान वाले नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी गई। इस नए पुल के तहत ए1 अभिसरण (अबटमेंट) की राफ्ट व चार लेयर और ए2 अभिसरण की राफ्ट व एक लेयर का कार्य पूर्ण हो चुका है। साथ ही पुल का 70 प्रतिशत इस्पात निर्माण कार्य कार्यशाला में पूरा कर लिया गया है। यह निर्माण कार्य प्रगति पर है और इसे मार्च 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
जिलाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2024 में भी ऐसी ही परिस्थिति उत्पन्न होने पर अस्थायी पुलिया व ह्यूम पाइप डायवर्जन से नदी पार करने की अस्थायी व्यवस्था की गई थी। वर्तमान में पीएमजीएसवाई-2 के माध्यम से नदी की धारा को मोड़ने व गहरा करने का कार्य भी पोकलेन मशीन से किया जा रहा है। ग्रामीणों के सुरक्षित आवागमन के लिए गदेरे पर ह्यूम पाइप डाले गए हैं, जिनसे फिलहाल सुरक्षित आवाजाही संभव है।
इसके अतिरिक्त, चिफल्टी–तौलियाकाटल के ग्रामीणों के आवागमन के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) थत्यूड़ के माध्यम से एक ट्रॉली सेवा भी स्थापित की जा रही है। दोनों ओर के अभिसरण (अबटमेंट) का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और अब केवल ट्रॉली लगाने का कार्य शेष है। जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि पीडब्ल्यूडी को निर्देशित किया गया है कि एक सप्ताह के भीतर ट्रॉली सेवा प्रारंभ कर दी जाए।
जिलाधिकारी टिहरी ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपनी जान को जोखिम में डालकर जेसीबी जैसी मशीनों से गदेरा पार न करें। प्रशासन द्वारा अस्थायी और सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था की जा रही है तथा एक सप्ताह के भीतर ट्रॉली सेवा शुरू हो जाएगी। तब तक ग्रामीण ह्यूम पाइप के माध्यम से सुरक्षित आवागमन करें।