उत्तराखंडरुद्रप्रयाग

तृतीय केदारनाथ तुंगनाथ जी के कपाट विधि-विधान से शीतकाल हेतु बंद

इस यात्रा वर्ष डेढ़ लाख तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन

तुंगनाथ/रुद्रप्रयाग, 6 नवंबर:  तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज गुरुवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे शुभ मुहूर्त में शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया। मंदिर को फूलों से सजाया गया था और पांच सौ से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।

सुबह मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला गया, जिसके बाद नित्य पूजा-अर्चना सम्पन्न हुई। तीर्थयात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन का पुण्य अर्जित किया। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में साढ़े दस बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। भोग, यज्ञ, हवन और पूजा के बाद स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया और पूर्वाह्न 11:30 बजे तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

इससे पूर्व चल विग्रह डोली मंदिर के अंदर से प्रांगण में विराजमान हुई। डोली की परिक्रमा कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए ढोल-नगाड़ों के साथ प्रथम पड़ाव चोपता के लिए रवाना हुई। पूरे परिसर में “जय बाबा तुंगनाथ” के जयघोष गूंज उठे।

बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए बताया कि इस यात्रा वर्ष में डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। उन्होंने कहा कि चल विग्रह डोली के मर्कटेश्वर मंदिर, मक्कूमठ पहुंचने के बाद तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजा प्रारंभ होगी। मंदिर समिति शीतकालीन यात्रा को भी प्रोत्साहित करेगी।

बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल सहित सभी सदस्यों ने तुंगनाथ यात्रा के सफल समापन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की यात्रा अपेक्षा के अनुरूप रही।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के अनुसार, कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान कर चुकी है। शुक्रवार 7 नवंबर को यह भनकुन में प्रवास करेगी, जबकि शनिवार 8 नवंबर को डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मर्कटेश्वर मंदिर, मक्कूमठ पहुंचेगी।

कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, प्रह्लाद पुष्पवान, देवी प्रसाद देवली, डॉ. विनीत पोस्ती, मुख्य कार्याधिकारी/कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, मठपति रामप्रसाद मैठाणी, केदारनाथ प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक बलबीर नेगी, अरविंद शुक्ला, प्रकाश पुरोहित, दीपक पंवार, चंद्र मोहन बजवाल, पुजारी अतुल मैठाणी, अजय मैठाणी सहित कई अधिकारी, कर्मचारी और हक-हकूकधारी उपस्थित रहे।

 

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