
देहरादून में एक चौंकाने वाला अपराध सामने आया है, जिसमें एक रिटायर्ड प्रधानाचार्य श्यामलाल गुरुजी की अपहरण कर हत्या कर दी गई। यह घटना तब प्रकाश में आई जब उनके परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले में आरोप एक महिला और उसके एमबीबीएस छात्र पति पर है, जो अब फरार हैं।
हत्या की साजिश और अंजाम
श्यामलाल गुरुजी 2 फरवरी को अपने घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। पुलिस जांच में सामने आया कि उनकी आखिरी बातचीत गीता नामक महिला से हुई थी। जब पुलिस ने गीता के घर की तलाशी ली, तो पता चला कि वह और उसका पति हिमांशु चौधरी फरार हैं।
गीता ने अपने भाई अजय कुमार और जीजा धनराज चावला को फोन कर बताया कि उसने अपने पति के साथ मिलकर गुरुजी की हत्या कर दी है और शव ठिकाने लगाने में मदद मांगी। 4 फरवरी को अजय और धनराज ने गुरुजी के शव को प्लास्टिक के कट्टे में बांधकर देवबंद स्थित साखन नहर में फेंक दिया।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
देहरादून पुलिस ने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स के आधार पर गीता के भाई और जीजा को देवबंद से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को तीन दिन की कस्टडी रिमांड में लिया गया है। पुलिस गीता और उसके पति की तलाश में जुटी हुई है।
हत्या की वजह क्या हो सकती है?
पुलिस अभी तक हत्या के पीछे के मकसद का खुलासा नहीं कर पाई है। संभावना जताई जा रही है कि यह किसी निजी रंजिश या वित्तीय लेन-देन का मामला हो सकता है। पुलिस इन पहलुओं की भी जांच कर रही है।
यह घटना एक गंभीर अपराध को दर्शाती है, जिसमें विश्वासघात और निर्ममता का मेल है। पुलिस जल्द से जल्द फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास में लगी हुई है। इस घटना ने समाज में सुरक्षा और भरोसे से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए हैं।