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उत्तराखंड में स्वास्थ्य और सिंचाई योजनाओं की निगरानी को लेकर धामी सरकार सक्रिय, 28 वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य और सिंचाई योजनाओं की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत सचिव समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों के आधार पर कुल 28 वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न जिलों में निगरानी की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें 15 अधिकारी स्वास्थ्य योजनाओं और 13 अधिकारी सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे।

जनहित में योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने की पहल

स्वास्थ्य एवं सिंचाई विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के नेतृत्व में इन योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक विशेष तंत्र विकसित किया गया है। सचिव का कहना है कि “राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक प्रभावी रूप से पहुंचे। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में भेजा जा रहा है ताकि जमीनी हकीकत सामने आ सके।”

स्वास्थ्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार और निगरानी हेतु 15 नोडल अधिकारी नियुक्त

राज्य की प्रमुख योजनाएं जैसे अटल आयुष्मान योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अन्य सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदवार नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। ये अधिकारी ब्लॉक स्तर तक पहुंचकर न केवल योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे, बल्कि सुविधाओं का स्थलीय निरीक्षण कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

 

इन अधिकारियों में शामिल हैं:

स्वाति भदौरिया (चमोली), रीना जोशी (देहरादून), अनुराधा पाल (बागेश्वर), वरुण चौधरी (पौड़ी), डॉ. सुनीता टम्टा (टिहरी), डॉ. आशुतोष सयाना (रुद्रप्रयाग), डॉ. शिखा जंगपांगी (उत्तरकाशी), डॉ. नर्सिंग गुंजियाल (पिथौरागढ़), डॉ. मनोज उप्रेती (हरिद्वार), डॉ. चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी (चंपावत), ताजबर सिंह जग्गी (ऊधमसिंहनगर), डॉ. राजीव पाल सिंह (रुद्रप्रयाग), डॉ. मनु जैन (चंपावत), डॉ. बिन्देश कुमार शुक्ला (अल्मोड़ा), डॉ. आर.आर. बिष्ट (नैनीताल)।

सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा हेतु 13 सदस्यीय निरीक्षण टीम गठित

सिंचाई योजनाओं की वास्तविक स्थिति, प्रभावशीलता और लाभार्थियों की प्रतिक्रिया जानने के लिए 13 अधिकारियों की टीम बनाई गई है। ये अधिकारी भी अपने-अपने नामित जिलों का दौरा कर फोटोग्राफ्स सहित रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे।

 

टीम में शामिल प्रमुख अधिकारी हैं:

गरिमा रौंकली (टिहरी), सुभाष चंद्र (उत्तरकाशी), बृजेश तिवारी (चमोली), प्रशांत बिश्नोई (पिथौरागढ़), शंकर कुमार साहा (पौड़ी), पी.के. मल्ल (चंपावत), गोकरन सिंह टोलिया (अल्मोड़ा), डी.एस. कछवाहा (नैनीताल), नवीन सिंघल (हरिद्वार), संजीव श्रीवास्तव (बागेश्वर), बी.के. पांडे (रुद्रप्रयाग), शरद श्रीवास्तव (ऊधमसिंहनगर), आर.बी. सिंह (चमोली)।

सचिव का सख्त संदेश: लापरवाही बर्दाश्त नहीं

डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि “प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। किसी भी प्रकार की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि शासन योजनाओं की निगरानी को लेकर पूरी तरह गंभीर है और यह पहल पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

राज्य सरकार का यह कदम प्रशासनिक सक्रियता और जवाबदेही का प्रतीक है। इससे न केवल योजनाओं की वास्तविक स्थिति उजागर होगी, बल्कि जनता का भरोसा भी मजबूत होगा। सभी की निगाहें अब अधिकारियों की रिपोर्टों और उसके आधार पर सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी होंगी।

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