देहरादून में सहकारी बैंक की धीमी प्रगति पर मंत्री नाराज, 100 दिन में व्यापक सुधार के दिए निर्देश

देहरादून: उत्तराखंड सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने देहरादून जिले में सहकारी बैंक और सहकारिता विभाग की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 100 दिन में व्यापक सुधार के कड़े निर्देश दिए हैं। सोमवार को विकास भवन सभागार में आयोजित जिला सहकारी बैंक एवं जिला सहकारिता विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक में मंत्री ने गुजरात सहकारिता मॉडल के अध्ययन के बाद इसी तर्ज पर नवाचारों को लागू करने के स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए।
मंत्री ने 31 दिसंबर 2025 तक सभी सहकारी समितियों और जिला सहकारी बैंक की कार्यप्रणाली में ठोस सुधार के लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इसमें मोबाइल यूपीआई बैंकिंग की शुरुआत, खाता खोलो अभियान के तहत शाखा प्रबंधकों द्वारा गांव-गांव जाकर किसानों के नए खाते खोलना, 100 दिवसीय सहकारिता चौपाल जागरूकता अभियान, महिला स्वयं सहायता समूहों को खाता खोलने और लघु ऋण लेने हेतु प्रेरित करना शामिल है। मंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक अपर जिला सहकारी अधिकारी और जिला विकास अधिकारी घाटे में चल रही एक-एक समिति गोद लें और उसका व्यवसायिक विकास सुनिश्चित करें।
जनपद के सभी 27 शाखा प्रबंधकों को नवाचार व तकनीकी ज्ञान हेतु दो चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। घाटे में चल रही समितियों के लिए नया बिजनेस प्लान तैयार कर उन्हें लाभ में लाने के साथ-साथ डिफॉल्टर समितियों को लिक्विडेशन की प्रक्रिया में लाने की कार्रवाई की जाएगी। रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे व्यवसायियों को दैनिक, साप्ताहिक और मासिक आधार पर आसान ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा बैठक होगी और मंत्री स्वयं प्रतिमाह प्रगति की समीक्षा करेंगे।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक नवीन कुमार, जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक सी.के. कमल, सहायक निबंधक बी.एम. मनराल सहित सभी 27 शाखा प्रबंधक और अपर जिला सहकारी अधिकारी उपस्थित थे। डॉ. रावत ने कहा कि सहकारिता को जन आंदोलन बनाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए किसानों, महिलाओं और युवाओं को इससे जोड़ना होगा ताकि देहरादून सहकारिता क्षेत्र में राज्य का मॉडल जनपद बन सके।