केदारनाथ धाम के कपाट कल सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे
कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू, पंचमुखी डोली मंदिर में विराजमान

केदारनाथ धाम, 22 अक्टूबर: इस वर्ष की केदारनाथ यात्रा अपने समापन की ओर है। धाम के कपाट कल, गुरुवार 23 अक्टूबर को प्रातः 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल हेतु विधिवत रूप से बंद किए जाएंगे।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। धाम पहुंचकर उन्होंने कपाट बंद की प्रक्रिया का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
कपाट बंद होने से पूर्व आज अन्नकूट के सुअवसर पर भगवान केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी डोली को मंदिर भंडार कक्ष से विधि-विधानपूर्वक बाहर लाया गया। पंचमुखी मूर्ति का मंदाकिनी के पवित्र जल तथा पंचामृत से स्नान, श्रृंगार और पूजन कर डोली में प्रतिष्ठापित किया गया। इस अवसर पर पुजारी बागेश लिंग, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला और वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने पूजा-अर्चना संपन्न की।
जय बाबा केदार के जयघोषों के बीच परिक्रमा के पश्चात पंचमुखी डोली मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु पहुंचे। डोली आज शाम और कल सुबह तक गर्भगृह परिसर में विराजमान रहेगी। कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी डोली अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान करेगी।
आज पंचमुखी डोली के मंदिर प्रवेश के अवसर पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी अपने परिजनों सहित दर्शन के लिए पहुंचे। प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद वर्धन और गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे भी धाम पहुंचे। इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी और कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, बीकेटीसी सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान, राजेंद्र प्रसाद डिमरी, देवी प्रसाद देवली, डॉ. विनीत पोस्ती, दिनेश डोभाल और प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान सहित अन्य अधिकारी एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।