Uttarakhand Tourism आगामी मई 25 के बाद स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां भी शुरू हो जाती है। जिसके बाद पर्यटकों की आमद बढ़ने की उम्मीद है। बर्फ की सफेद चादर से ढके पहाड़ हरी-भरी ऊंची-ऊंची चोटियां यहां की हरियाली और ऐतिहासिक व पौराणिक मंदिरों की श्रृखलाएं देशी-विदेशी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। पहाड़ में शीतकाल खत्म होते ही पर्यटन सीजन शुरू हो जाता है।वनाग्नि के बाद हुई बारिश से पहाड़ का मौसम खुशगवार हो गया है। यहां की हरी-भरी खूबसूरत वादियां और बर्फ की सफेद चादर ओढ़ी हिमालयी चोटियां बरबस पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।पर्यटक भी अब पहाड़ की ओर चहलकदमी करने लगे हैं| वर्तमान में गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के साथ कुछ विदेशी पर्यटक भी दिखाई दे रहे हैं।
पर्यटक स्थल जहां पर्यटकों की होती है आवाजाही
अल्मोड़ा : बिनसर अभ्यारण्य क्षेत्र, कसारदेवी, जागेश्वर, अल्मोड़ा, मानिला, रानीखेत, मार्चुला।
बागेश्वर : कौसानी, बैजनाथ गरुड़, पिंडरी ग्लेशियर, सुंदरढूंगा घाटी।
चम्पावत : चम्पावत, लोहाघाट, देवीधुरा, रीठासाहिब।
पिथौरागढ़ : गंगोलीहाट, बेरीनाग, मुनस्यारी, मिलम, छोटा कैलाश धारचूला, पिथौरागढ़।
पहाड़ में साहसिक, धार्मिक पर्यटन के लिए प्रतिवर्ष भारी तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं। बर्फ की सफेद चादर से ढके पहाड़, हरी-भरी ऊंची-ऊंची चोटियां, यहां की हरियाली और ऐतिहासिक व पौराणिक मंदिरों की श्रृखलाएं देशी-विदेशी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।यहां एक ओर मिलम, पिंडारी ग्लेशियर, सुंदरढूंगा घाटियों के साहसिक पर्यटन का रोमांच है, तो दूसरी ओर आस्था के प्रसिद्ध धाम जागेश्वर, बैजनाथ, बागनाथ, छोटा कैलाश है। यह धाम धार्मिक पर्यटन के लिए पहुंचने वाले पर्यटकों को चार धाम की कमी को पूरा करते हैं।कौसानी, मुनस्यारी, अल्मोड़ा, रानीखेत, मानिला की खूबसूरत वादियां किसी सम्मोहन से कम नहीं है। यहां आने वाला बस यही बस जाने के लिए बेताब दिखाई देता है|