उत्तराखंड

जिला सहकारी बैंक दीर्घकालीन और मध्यकालीन ऋण लक्ष्य के तहत बांटे : रजिस्ट्रार

को-ऑपरेटिव की हर सोमवार या शुक्रवार को समीक्षा बैठक लेंगी रजिस्ट्रार सोनिका

देहरादून

 

निबन्धक सहकारिता सोनिका ने देहरादून ,चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी में दीर्घकालीन और मध्यकालीन ऋण लक्ष्य के तहत न बांटे जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए चेतावनी दी गई कि लगातार मॉनिटरिंग की जाए और ऋण बांटे जाएं। उन्होंने कहा कि जिलों में एआर कोऑपरेटिव व बैंक के जीएम लगातार जिलों में मुख्य विकास अधिकारियों के साथ बैठक करें।

 

आज शुक्रवार को यूकेसीडीपी निदेशालय देहरादून में सहकारिता विभाग की नवनियुक्त रजिस्ट्रार सोनिका ने विभाग की प्रभावशीलता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए आवश्यक 16 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। यह बैठक सहकारी शासन के लिए एक नई प्रतिबद्धता को दर्शाती है, क्योंकि सोनिका ने सभी अधिकारियों को गंभीरता और परिश्रम के साथ अपनी जिम्मेदारियों का सामना करने की आवश्यकता पर जोर दिया

 

उन्होंने कहा कि कहा कि सहकारी समितियों में ग्रामीणों के बीच योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए और ट्रेनिंग गोष्ठियां आयोजित की जाएं; इसके लिए जिलों से रोस्टर बनाने के उन्होंने निर्देश दिए। सोनिका ने डिपाजिट बढ़ाने के लिए ध्यान देने की आवश्यकता पर भी बताया कि पिछले साल की तुलना में 6 करोड़ 27 लाख रुपए डिपॉजिट बढ़ गया है। उन्होंने समितियों की प्रगति के बारे में भी समीक्षा की और कहा कि सभी समितियों का ऑडिट कराना चाहिए। यदि चार्टर्ड अकाउंटेंट सपोर्ट नहीं करते हैं, तो उन्हें ब्लैकलिस्टेड किया जाए।

 

दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के तहत प्रगति की भी समीक्षा की गई, विशेष रूप से ऋण वितरण और वसूली के संबंध में जिला सहकारी बैंकों और उनके संबंधित कार्यालयों के बीच समन्वय, इन कार्यों में गहन निगरानी की आवश्यकता के निर्देश दिए गए। अपर निबंधक ईरा उप्रेती ने जानकारी दी कि दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना में 2017 से अब तक 974148 लाभार्थियों को व 5459 स्वयं सहायता समूह को 5748.48 करोड़ रुपये ऋण बांटा जा चुका है।

 

निबंधक सोनिका ने बताया कि रायवाला सहकारी समिति की जो जमीन मुख्य राजस्व आयुक्त के यहां कोर्ट केस में चल रही है, उसे विभाग में लाने के लिए हर हाल प्रयास किया जाए; इसके लिए जिला सहायक निबन्धक देहरादून पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।

 

एमपैक्स में “जन औषधि केंद्र” और “जन सुविधा केंद्र” की स्थिति की समीक्षा की गई, साथ ही प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र की प्रगति की भी समीक्षा की गई। ये केंद्र कृषि कल्याण को बढ़ावा देने और किसानों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान करने में सहायक हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। “जन औषधि केंद्र” में चम्पावत मॉडल को लागू करने के उन्होंने निर्देश दिए। इस मॉडल में लाभ का 60 % संविदा फार्मेसिस्ट को दिया जाता है, जबकि 40 % समिति रख लेती है। ज्यादातर जिलों से यह बात एआर कोऑपरेटिव ने सामने रखी कि जन औषधि केंद्र में संविदा फार्मेसिस्ट को वेतन देने में दिक्कतें आ रही हैं।

 

बैठक में एनसीसीएफ और नेफेड पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रियाओं को संबोधित किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि सहकारी समितियाँ व्यापक राष्ट्रीय ढाँचे से जुड़ी हुई हैं जो उनकी बाज़ार पहुँच और परिचालन दक्षता को बढ़ा सकती हैं। डीसीडीसी बैठक की समीक्षा की गई।

 

इसके अलावा, बैठक में सहकारी बैंकों की वित्तीय व्यवहार्यता को संबोधित किया गया, जिसमें जमा आंकड़ों, लाभ मार्जिन और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) पर ध्यान केंद्रित किया गया। सहकारी वित्तीय संस्थाओं की स्थिरता और संधारणीयता सुनिश्चित करने के लिए इन मेट्रिक्स का विस्तृत विश्लेषण महत्वपूर्ण है। समर्पित समितियों के माध्यम से सहकारी बकाया की वसूली में सुधार की आवश्यकता पर विशेष जोर देते हुए एक प्रभावी वसूली तंत्र को रेखांकित किया गया। वित्तीय समीक्षाओं के अलावा, एजेंडे में सहकारी समितियों का ऑडिट, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की जांच और एमपैक्स कम्प्यूटरीकरण में प्रगति के बारे में समीक्षा की गई। रजिस्ट्रार ने एक अद्यतन राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस को बनाए रखने, पारदर्शिता और सूचना की पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। बैठक में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा शामिल थी, जैसे कि गोदामों और कृषि प्रसंस्करण सुविधाओं के लिए भूमि का चयन, जो सहकारी समितियों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

 

राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के नोडल अधिकारी श्री आनंद शुक्ल ने बताया कि स्वीकृत 45 करोड़ रुपये के प्रस्ताव जिलों से न आने के कारण यह धन वितरित नहीं हो पा रहा है। रजिस्ट्रार ने सभी एआर कोऑपरेटिव को इसके लिए आवश्यक निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल , नीरज बेलवाल , एमपी त्रिपाठी, रमिन्द्री मंद्रवाल, राजेश चौहान, सचिवालय के अधिकारी निदेशालय में, व जिलों से एआर कोऑपरेटिव , डीसीबी के जीएम ऑन लाइन जुड़े।

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