
अल्मोड़ा: चौखुटिया में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर जनता का गुस्सा अब आंदोलन में बदल गया है। क्षेत्र के विभिन्न गांवों से सैकड़ों की संख्या में लोग चौखुटिया बाजार में एकत्रित हुए और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। आंदोलन में मातृशक्ति और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चौखुटिया और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमराई हुई हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है, दवाइयों का अभाव है और आपातकालीन सेवाएं भी अक्सर ठप रहती हैं। इन समस्याओं के चलते मरीजों को इलाज के लिए अल्मोड़ा या रानीखेत जैसे दूरस्थ स्थानों का रुख करना पड़ता है, जिससे कई बार गंभीर मरीजों की जान पर भी बन आती है।
पिछले 14 दिनों से स्थानीय लोग भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन अब तक प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार के मौन रवैये ने जनता के सब्र का बांध तोड़ दिया है।
व्यापारियों ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए सभी दुकानों को बंद रखा, जिससे पूरा बाजार बंद नजर आया। आंदोलनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र नहीं माना गया, तो यह आंदोलन और अधिक उग्र रूप धारण करेगा।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में चौखुटिया उपजिला अस्पताल में स्थायी डॉक्टरों की नियुक्ति, 24 घंटे आपातकालीन सेवा की व्यवस्था, एंबुलेंस सुविधा का विस्तार और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं व कर्मियों की नियमित उपलब्धता शामिल है।
आंदोलन स्थल पर महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि “अगर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं सुधारी गईं तो हम गांव-गांव से महिलाएं सड़कों पर उतरेंगी।” युवाओं ने भी कहा कि वे इस जनहित मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
स्थानीय सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी आंदोलन को जनता की पीड़ा से जुड़ा बताते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।