उत्तराखंडसामाजिक

उत्तराखंड में 60 करोड़ खर्च कर भी नहीं मिला पीने का पानी, अब करेगी धामी सरकार जांच

उत्तराखंड

विवादों में घिरी जल निगम की टिहरी कोश्यार ताल पेयजल योजना की गड़बड़ियों की जांच होगी। 60 करोड़ खर्च होने के बाद भी आम लोगों को पर्याप्त पानी न मिलने पर विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय लगातार योजना और विभागीय इंजीनियरों पर सवाल उठा रहे थे।

शासन ने मुख्य महाप्रबंधक निर्माण विंग कपिल सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है। टिहरी जिले के जाखणीधार क्षेत्र के 70 गांवों तक पानी पहुंचाने को कोश्यार ताल पम्पिंग पेयजल योजना पर 2005 से काम शुरू किया गया था।

53 गांवों का जिम्मा जल निगम और 17 गांवों का जिम्मा जल संस्थान पर रहा। योजना का काम भी तीन चरण में कराने को लेकर भी इंजीनियरों पर सवाल उठे। पहले 21.90 करोड़ पम्पिंग योजना पर खर्च हुए, लेकिन टैंक और लाइन नहीं बिछाई गई।

दूसरे चरण में 15.70 करोड़ से काम शुरू हुआ, तो गांवों तक सप्लाई बिछाने की प्लानिंग नहीं हुई। इस पूरी प्रक्रिया में ही पूरे 19 साल निकलने जा रहे हैं, लेकिन लोगों की प्यास बुझाने का पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाया है। आलम ये रहा कि योजना को पूरा कराने को जल जीवन मिशन में 11 करोड़ का बजट और मंजूर किया गया।

इस बजट को मंजूर करने पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि दूसरे फेस में लाइनों का काम पूरा करने में जब सात कोल खर्च हुए, तो तीसरे फेस में लाइनों के लिए 11 करोड़ क्यों मंजूर किया गया। पानी न मिलने पर विधायक किशोर उपाध्याय कई साल से मोर्चा खोले हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button