
देहरादून | प्रेस विज्ञप्ति | 04/12/2025: उत्तराखंड में स्वास्थ्य शिक्षा को आधुनिक, पारदर्शी और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग अधिनियम–2021 (National Commission for Allied and Healthcare Professions Act – 2021) के तहत उत्तराखंड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन की प्रक्रिया को गति देने हेतु सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने की।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय और आपदा–संवेदनशील राज्य में आधुनिक और प्रमाणित allied health workforce का विकास अत्यंत आवश्यक है। परिषद के गठन से न केवल शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि उच्च कोटि के प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने में राज्य अग्रणी भूमिका निभाएगा।
परिषद गठन पर विस्तृत चर्चा, चयन समिति बनाने का निर्णय
बैठक में परिषद की संरचना, भविष्य की जरूरतों और कार्यप्रणाली पर विस्तृत चर्चा की गई। यह निर्णय लिया गया कि परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए “तलाश–सह–चयन समिति” का गठन किया जाएगा, जो निर्धारित योग्यताओं के आधार पर नामों का चयन करेगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि परिषद के संचालन के लिए आवश्यक बजट, कार्यालय व्यवस्था, तकनीकी सहायता और मानव संसाधन की उपलब्धता शीघ्र सुनिश्चित की जाए।
वर्तमान में राज्य में पैरामेडिकल शिक्षा उत्तराखंड पैरामेडिकल अधिनियम–2009 और स्टेट मेडिकल फैकल्टी के माध्यम से संचालित होती है, जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 22 पाठ्यक्रम चल रहे हैं। राष्ट्रीय अधिनियम लागू होने के बाद ये सभी पाठ्यक्रम और अधिक मानकीकृत और कौशल आधारित हो जाएंगे। नए अधिनियम में 10 श्रेणियों में 56 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मान्यता दी गई है, जिससे विद्यार्थियों के लिए करियर अवसरों का विस्तार होगा और राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग्यता को बढ़ी हुई पहचान मिलेगी।
स्वास्थ्य सेवाएँ होंगी और सुदृढ़
अधिकारियों के अनुसार अधिनियम के तहत कई नए विषय शामिल होंगे—
- पोषण विज्ञान
- स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन
- क्लिनिकल साइकोलॉजी
- डायलिसिस टेक्नोलॉजी
- एनेस्थीसिया एवं ऑपरेशन थिएटर तकनीक
- आपातकालीन चिकित्सा तकनीक (EMT)
इन विषयों से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में मजबूती आएगी। यह पहल उत्तराखंड को स्वास्थ्य शिक्षा और allied health services के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने में मदद करेगी, साथ ही राज्य भविष्य में एक “हेल्थ एजुकेशन हब” के रूप में विकसित होगा।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद का गठन स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी कदम साबित होगा। इससे पैरामेडिकल और allied health शिक्षा में एकरूपता आएगी, पाठ्यक्रमों का मानकीकरण होगा और पंजीकरण–लाइसेंसिंग प्रक्रिया सरल व पारदर्शी बनेगी। नए अधिनियम के तहत उभरते विषयों के शामिल होने से युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का व्यापक अवसर मिलेगा। लक्ष्य है कि उत्तराखंड गुणवत्ता–आधारित स्वास्थ्य शिक्षा और हेल्थकेयर स्किल डेवलपमेंट में एक मॉडल राज्य के रूप में उभरे।