देहरादून
जिलास्तर के अधिकारी समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। यह कहना है नवनियुक्त शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान का। उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य शिक्षा और खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक में अधिकारियों को इसके निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य का कोई भी विद्यालय भवन जर्जर स्थिति में नहीं होना चाहिए। यदि किसी विद्यालय का भवन व्यवस्था के अनुकूल नही है तो जिला योजना के तहत जिलाधिकारी से वार्ता कर अनुदान लिया जा सकता है।
शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में कोई कोताही न बरती जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी अधिकारी को किसी अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी के साथ बैठक में शामिल होना है तो राज्य स्तर पर सूचना दे या फिर राज्य परियोजना निदेशक को दूरभाष पर सूचित करें। जिला और विकासखंड स्तर पर अनिवार्य रूप से विद्यालयों का निरीक्षण किया जाए, सभी विद्यालय एवं कार्यालय आवंटित बजट को खर्च करना सुनिश्चित करें। लक्ष्य तय कर कार्य की समय सीमा के तहत कार्य पूर्ण करें। किसी भी स्थिति में कोई भी अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक कार्यालय, विद्यालय से अनुपस्थित न रहें। विद्यालयों में योगा शिक्षकों की तैनाती की जाए। आंशिक या फिर पूरी तरह से ध्वस्त किए जाने वाले विद्यालय भवनों के संबंध में कार्यदायी संस्था से संपर्क कर डीपीआर तैयार कराते हुए निदेशालय को उपलब्ध कराएं। अतिथि शिक्षकों को तत्काल नियुक्ति दी जाए।
यदि किसी जिले में आवंटित अतिथि शिक्षकों की अतिरिक्त आवश्यकता है तो इससे निदेशालय को अवगत कराएं। शिक्षा महानिदेशक ने कहा, जिन विद्यालयों में शौचालय का निर्माण नहीं किया जा सकता है, उनमें मोबाइल शौचालय या फैब्रिकेटेड शौचालय का निर्माण किया जा सकता है। बैठक में अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, कुलदीप गैरोला, आशा पैन्यूली, प्रदीप कुमार, कमला बड़वाल, विवेक स्वरूप, अजीत भंडारी आदि मौजूद रहे।