उत्तरकाशी

एमआरटी ने खीरगंगा हिमनद झील का किया तकनीकी सर्वेक्षण, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट

धराली: खीरगंगा के उद्गम स्थल में स्थित हिमनद झील का मंगलवार को माउंटेन रेस्क्यू टीम (एमआरटी) द्वारा व्यापक आकलन किया गया। इस संयुक्त टीम में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और निम संस्थान के अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने मौसम साफ होते ही हिमगंगा के उद्गम स्थल पहुंचकर विस्तृत निरीक्षण किया। टीम ने रडार, ड्रोन और अन्य आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हुए हिमनद झील की स्थिति का गहन अध्ययन किया है और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजने की तैयारी कर रही है।

धराली रेस्क्यू के इंसीडेंट कमांडर आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राउंड जीरो पर संयुक्त टीमें निरंतर सर्च अभियान चला रही हैं और आधुनिक मशीनों तथा रडार के माध्यम से मलबे में दबे लोगों को तलाशने का प्रयास जारी है। इस संबंध में मंगलवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें आसपास के मार्गों को सुचारू बनाने और राहत कार्यों में तेजी लाने पर चर्चा हुई। बीआर और स्थानीय विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए तत्काल मार्गों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

सोमवार को गठित की गई एमआरटी का यह पहला मिशन था, जो हिमनद झील के वैज्ञानिक आकलन पर केंद्रित था। इससे पूर्व भी एसडीआरएफ की टीम ने हिमगंगा की धारा का ड्रोन सर्वेक्षण किया था और उसकी रिपोर्ट विभिन्न संस्थानों के साथ साझा की गई है। वर्तमान आकलन मिशन की सफलता के बाद टीम धराली लौट आई है और अब विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। यह रिपोर्ट हिमनद झील की वर्तमान स्थिति, संभावित खतरों और भविष्य की रणनीति के लिए महत्वपूर्ण होगी, जो आगामी राहत कार्यों की दिशा तय करने में सहायक सिद्ध होगी।

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