उत्तराखंडदेहरादून

मुख्यमंत्री ने किया शहीद सम्मान यात्रा-2 का शुभारम्भ

शहीद सम्मान यात्रा अमर बलिदानियों को समर्पित, जिनकी शौर्यगाथा और बलिदान सदैव प्रेरणा देंगे – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को शहीद राइफलमैन नरेश कुमार के गुजराड़ा मानसिंह सहस्त्रधारा रोड स्थित आवास से शहीद सम्मान यात्रा-2 का शुभारम्भ किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने शहीद राइफलमैन नरेश कुमार के चित्र पर माल्यार्पण और शहीद स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद के परिजनों से भेंट कर उनके आंगन की मिट्टी का संग्रहण किया और उन्हें शहीद सम्मान समारोह में शामिल होने का आमंत्रण भी दिया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार देहरादून के गुनियाल गांव में शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण करा रही है, जिसमें प्रदेश के सभी शहीद सैनिकों के घर-आंगन की पवित्र मिट्टी स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह शहीद सम्मान यात्रा उन अमर बलिदानियों को समर्पित है, जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए न्यौछावर किया। उनके पराक्रम और त्याग के कारण ही हम सब सुरक्षित और स्वतंत्र हैं।

उन्होंने कहा कि शहीदों का बलिदान हमें यह सिखाता है कि जीवन का वास्तविक मूल्य त्याग, सेवा और समर्पण में है। राज्य सरकार शहीदों के परिजनों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। वर्ष 2018 से अब तक 28 शहीद आश्रितों को योग्यता अनुसार नियुक्ति दी जा चुकी है और 13 की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है। शहीद परिजनों को एकमुश्त अनुग्रह अनुदान 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया है। इसी तरह उत्तराखंड के परमवीर चक्र अलंकृत सैनिकों और उनकी विधवाओं को दी जाने वाली राशि 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये कर दी गई है।

उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां पूर्व सैनिकों को ब्लॉक प्रतिनिधि नियुक्त कर मानदेय प्रदान किया गया है। वर्तमान में यह मानदेय 8,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रतिमाह किया गया है।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि देहरादून में निर्मित हो रहे सैन्यधाम के लिए अब तक 1734 शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी एकत्र की जा चुकी है। प्रदेश में शहीदों के सम्मान की परंपरा वर्ष 2021 से प्रारम्भ हुई। उस वर्ष जिला एवं राज्य स्तर पर शहीद सम्मान समारोह आयोजित कर परिजनों को ताम्रपत्र भेंट किए गए। 2021 में कतिपय कारणों से 39 शहीद सैनिकों के घर-आंगन की मिट्टी संग्रहित नहीं हो सकी थी। 2021 से 2025 के बीच 32 और वीर सैनिक मातृभूमि पर बलिदान हुए। इन सभी 71 वीरों के सम्मान में 25 सितम्बर से 04 अक्टूबर तक शहीद सम्मान यात्रा आयोजित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि यह यात्रा 4 अक्टूबर तक चलेगी और 5 अक्टूबर को शहीद यात्रा रथ को गरिमामय कार्यक्रम के साथ शहीदों के परिजनों के साथ लैंसडाउन रवाना किया जाएगा। वहां आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में शहीद परिवारों को सम्मानित किया जाएगा। यात्रा के दौरान सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारी शहीदों के आंगन की मिट्टी कलश में एकत्र करेंगे, जिसे सैन्यधाम के लोकार्पण से पूर्व सम्मिलित किया जाएगा।

इस अवसर पर मेजर जनरल (सेनि) सम्मी सभरवाल, कैप्टन (सेनि) उमादत्त जोशी, कर्नल वैटरन आदित्य श्रीवास्तव, सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर (सेनि) अमृत लाल, कैप्टन (सेनि) आनन्द राणा सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button