उत्तराखंडरुद्रप्रयाग

द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे, मुख्य मेला 21 नवंबर को होगा।

तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट 6 नवंबर को बंद होंगे।

उखीमठ/रुद्रप्रयाग, 2 अक्टूबर: विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर, गुरुवार को भैया दूज के पावन पर्व पर प्रातः 08:30 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद इसी दिन बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान करेगी।

केदारनाथ-बदरीनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी डोली की यात्रा कार्यक्रम के साथ ही मद्महेश्वर और तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथियां भी निश्चित हो गई हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि कपाट बंद होने से पूर्व तीर्थस्थलों में दर्शन का पुण्य लाभ अर्जित करें।

बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और धाम प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान ने पंचकेदार के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दीं। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद 23 अक्टूबर को पंचमुखी देवडोली रामपुर में रात्रि विश्राम करेगी। 24 अक्टूबर को यह गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी और 25 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

वहीं द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाट 18 नवंबर को प्रातः शुभ मुहूर्त में बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद देवडोली 18 नवंबर को गौंडार, 19 नवंबर को राकेश्वर मंदिर, 20 नवंबर को गिरिया और 21 नवंबर को पंचकेदार गद्दीस्थल ऊखीमठ पहुंचेगी। इसी दिन मद्महेश्वर मेला भी आयोजित होगा।

तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट 6 नवंबर को पूर्वाह्न 11:30 बजे बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ की विग्रह डोली 6 नवंबर को चौपता, 7 नवंबर को भनकुन और 8 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ स्थित मर्कटेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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