
नैनीताल, उत्तराखंडl नैनीताल में नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। घटना के तीसरे दिन शुक्रवार को भी जनता का आक्रोश सड़कों पर नजर आया। विभिन्न संगठनों और आम लोगों ने मिलकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। शहर के माल रोड समेत कई क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करना पड़ा।
शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान माल रोड पर सशस्त्र सीमा बल (SSB) को तैनात किया गया। वहीं, एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकालकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। प्रदर्शन के दौरान आईजी कार्यालय के सामने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया, जो जनभावनाओं के तीव्र आक्रोश को दर्शाता है।
प्रशासन ने शुक्रवार की जुमे की नमाज़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी। एडीएम प्रशासन विवेक राय, संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र और एसडीएम नवाजिश खलीक के नेतृत्व में मस्जिदों के पास भारी पुलिस बल तैनात रहा।
पीपुल्स फोरम से जुड़ी महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दांठ क्षेत्र में धरना प्रदर्शन कर न्याय की मांग उठाई। इस मौके पर नगर पालिकाध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल भी प्रदर्शन में शामिल हुईं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह घटना बेहद दुखद है, लेकिन हिंसा और तोड़फोड़ इसका समाधान नहीं हो सकती।”
क्या है पूरा मामला?
बुधवार को नैनीताल में उस वक्त सांप्रदायिक तनाव फैल गया जब उस्मान नामक एक बुजुर्ग ठेकेदार पर नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा। जैसे ही यह खबर फैली, मल्लीताल की सड़कों पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मुस्लिम समुदाय की दुकानों और संपत्तियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
गाड़ी पड़ाव बाजार में खड़ी कई गाड़ियों को भीड़ ने पलट दिया और दुकानों का सामान सड़क पर फेंक दिया। कई घरों पर ईंट-पत्थर फेंके गए और खिड़कियों के शीशे तोड़े गए। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए बल प्रयोग करते हुए उपद्रवियों को खदेड़ा।
प्रशासन की चुनौती और शांति की अपील
शहर में बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार फ्लैग मार्च, बैठकें और संवाद किए जा रहे हैं। प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि दोषी को सख्त सजा दी जाएगी, लेकिन कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी।
नैनीताल दुष्कर्म मामला 2025 ने न केवल एक बच्ची की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि शहर के सामाजिक सौहार्द को भी गंभीर चुनौती दी है। अब जरूरत है कि प्रशासन निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाए और समाज मिलकर शांति बनाए रखे।