
देहरादून। डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी की ओर से राष्ट्रीय एचआर सेमिनार का आयोजन किया गया।जिसका विषय था “कार्य की भविष्य की दिशा, रुझान, उपकरण और एचआर में परिवर्तन”। इस मौके पर अग्रणी विचारकों, शिक्षाविदों और एचआर पेशेवरों का शानदार संगम हुआ। इस सेमिनार में उभरती तकनीकों, एचआर में बदलते रुझानों और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने की रणनीतिक जरूरतों पर जोर दिया गया।
सेमिनार की शुरुआत डॉ. अनीता कौल के स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद एरिया चेयर ( एचआर) डॉ पुष्पा कटारिया ने विषय की पृष्ठभूमि प्रस्तुत की। सेमिनार के चेयरपर्सन डॉ. राजीव भारद्वाज (प्रो-वाइस चांसलर) ने वर्कप्लेस में आ रहे बदलावों के बीच एचआर के परिवर्तन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय जसोला ने कार्यबल प्रबंधन के बदलते परिप्रेक्ष्य और रणनीतिक एचआर नेतृत्व की भूमिका पर चर्चा की।
बतौर मुख्य अतिथि डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी की उपाध्यक्ष डॉ. अंजुम अग्रवाल ने विषय की प्रासंगिकता की सराहना की और शिक्षा एवं उद्योग के बीच पुल का निर्माण करने के लिए विश्वविद्यालय की पहल की तारीफ की। डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष मोहित अग्रवाल ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में डिजिटल युग में एचआर के परिवर्तन की बात की। उन्होंने कहा कि तकनीक और एआई को अपनाते समय मानवीय दृष्टिकोण और नैतिक मूल्यों को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उनका संदेश छात्रों और पेशेवरों दोनों को नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित करता रहा। इस मौके पर “भविष्य की एचआर दिशा” विषय पर प्रभावशाली प्रस्तुतियों हुईं। इंडियन स्टार्टअप टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ, आर. चंद्रा ने स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास और एचआर की भूमिका पर अपने विचार रखे। नॉर्थ, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस के रीजनल एचआर अशुतोष गुप्ता ने पारंपरिक सेक्टर में वर्कफोर्स रीअलाइनमेंट की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। युगविन्या प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक एवं सीईओ आमोघ उनियाल ने डेटा-ड्रिवन पीपल स्ट्रैटेजी से स्टार्टअप में बदलाव की बात की।
इसके पश्चात एआई और ऑटोमेशन, नैतिक मुद्दे और केस स्टडीज़ पर पैनल डिस्कसन किया गया। जिसका संचालन डॉ. राजीव भारद्वाज किया। पैनल में एचआर स्ट्रैटेजिस्ट के. राजीव कुमार कॉरपोरेट ट्रेनर एवं एचआर इनोवेटर अनुप कुमार, एचआर एनालिटिक्स लीड मोहम्मद मोहसिन, अशुतोष गुप्ता आदि शामिल रहे। इस सत्र में एआई के प्रयोग, ऑटोमेशन से जुड़े जोखिम और नैतिक मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही एचआर में एआई का उदय विषय पर भी वक्ताओं ने चर्चा की।
ये भी रहा खास
इस मौके पर शांति बुदाथोकी, सीएचआरओ, गैलेक्टिक क्लाइंट सर्विसेस प्रा. लि. गुरुग्राम डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की यात्रा साझा की गयी। एमी अनिता गिल्बर्ट, सीनियर एवीपी – एचआर बिजनेस पार्टनर, ईएक्सएल सर्विसेज प्रा. लि., दिल्ली की ओर जे प्रेडिक्टिव टैलेंट एनालिटिक्स और एंप्लॉयी एंगेजमेंट मॉडल पर विचार रखे गए। पैनल चर्चा में एचआर टेक्नोलॉजी का विकास और टोटल रिवॉर्ड्स” विषय भी रहा। जिसका संचालन डॉ. सुरेश अय्यर ने किया। तीसरी और अंतिम पैनल चर्चा, “भविष्य के लिए अपस्किलिंग” विषय पर थी, जिसकी मेजबानी डॉ. पुष्पा कटारिया ने की। डॉ. पुष्पा ने सेमिनार की समग्र थीम और भूमिका भी प्रस्तुत की। इस मौके पर डॉ. अनीता और डॉ. संयुक्ता भी उपस्थित रहीं।
सत्र की शुरुआत कृष्ण चैतन्य के प्रस्तुतीकरण से हुई, जिसमें डिजिटल साक्षरता, सॉफ्ट स्किल और सतत शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया गया।
समापन सत्र और नेटवर्किंग
समापन सत्र में फीडबैक संग्रह, धन्यवाद ज्ञापन, और सभी वक्ताओं तथा विशेष अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।
पैनल में खास लोग
शांति बुदाथोकी – प्रदर्शन मूल्यांकन में तकनीक की भूमिका
एमी गिल्बर्ट – करियर अनुभवों के साथ रिवॉर्ड्स को संरेखित करने पर
अंकुर राणा – क्षतिपूर्ति रणनीति विशेषज्ञ
श्वेता पांडेय – कॉरपोरेट लर्निंग कंसल्टेंट
आर. चंद्रा – मीडिया की लर्निंग में भूमिका पर
आमोघ उनियाल – उद्यमशीलता में अपस्किलिंग पर
अरविंद डिमरी – टैलेंट डेवेलपमेंट लीड, भविष्य-उन्मुख क्षमता