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अब 8 जून को लॉन्च होगा “Axiom-4” मिशन, शुभांशु शुक्ला रचेंगे इतिहास

समय से प्रतीक्षित अंतरिक्ष मिशन Axiom-4 की लॉन्चिंग की तारीख में बदलाव कर दिया गया है। अब यह ऐतिहासिक मिशन 8 जून 2025 को शाम 6:41 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन के साथ ही भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक नया इतिहास रचने जा रहे हैं। वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे।

 

नील आर्मस्ट्रांग की विरासत से जुड़ा लॉन्च पैड

Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से होगी – यही वह स्थान है, जहां से 1969 में नील आर्मस्ट्रांग ने अपोलो-11 मिशन के लिए उड़ान भरी थी। यह मिशन नासा और इसरो की संयुक्त अंतरिक्ष पहल का हिस्सा है, जिसमें भारत, पोलैंड और हंगरी जैसे देश पहली बार मिलकर अंतरिक्ष अभियान में भाग ले रहे हैं।

 

शुभांशु शुक्ला: भारत की नई अंतरिक्ष पहचान

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जन्मे शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं। 2006 से फाइटर पायलट के रूप में सेवा दे रहे शुभांशु ने सुखोई-30, मिग-21, मिग-29, जगुआर जैसे कई युद्धक विमानों को उड़ाया है। उनके पास 2,000 से अधिक उड़ान घंटे का अनुभव है। वे 2019 में गगनयान मिशन के लिए भारत द्वारा चयनित अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हुए थे।

 

मॉस्को और बंगलूरू में ली ट्रेनिंग

गगनयान मिशन के तहत शुभांशु ने मॉस्को स्थित गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और इसरो के बंगलूरू ट्रेनिंग सेंटर में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन पद पर प्रमोट किया गया और अगस्त 2024 में Axiom-4 मिशन के लिए चुना गया। 31 जनवरी 2025 को वे मिशन के अंतिम चार क्रू मेंबर्स में शामिल किए गए।

 

मिशन की कमान संभालेंगी पैगी व्हिटसन

इस मिशन की कमान नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के हाथों में होगी। मिशन में शुभांशु शुक्ला के अलावा पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी शामिल होंगे। यह मिशन इन दोनों यूरोपीय देशों के लिए भी ऐतिहासिक होगा, क्योंकि वे 40 साल बाद फिर से अंतरिक्ष मिशन में भाग ले रहे हैं।

 

SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट से होगा लॉन्च

Axiom-4 मिशन को SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए ड्रैगन कैप्सूल में लॉन्च किया जाएगा। क्रू दो सप्ताह तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहकर विज्ञान और अनुसंधान से जुड़े कार्यों में हिस्सा लेगा।

भारत के लिए यह मिशन गौरव का क्षण है, क्योंकि राकेश शर्मा के चार दशक बाद एक भारतीय अंतरिक्ष में कदम रखने जा रहा है। शुभांशु शुक्ला के माध्यम से भारत की नई पीढ़ी अंतरिक्ष विज्ञान और वैश्विक तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार है।

 

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