
देहरादून, 15 अक्तूबर 2025: मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) में बुधवार को आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने की। इस दौरान संबंधित विभागों के अधिकारी, आढ़त बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक में परियोजना से जुड़े प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। उपाध्यक्ष को लेखपाल नजीर अहमद ने परियोजना की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी और बताया कि एमडीडीए स्तर पर अधिकांश कार्य पहले ही संपन्न किए जा चुके हैं।
15 दिन में पुराने निर्माण होंगे ध्वस्त
बैठक में निर्णय लिया गया कि पुराने आढ़त बाजार के मालिक अपनी संपत्तियों को रजिस्ट्री के माध्यम से लोक निर्माण विभाग (PWD) को हस्तांतरित करेंगे।

साथ ही 3 नवंबर 2025 से भूखंड आवंटन और नकद प्रतिकर की प्रक्रिया समानांतर रूप से प्रारंभ होगी।
रजिस्ट्री करते समय यह स्पष्ट उल्लेख रहेगा कि संबंधित भू-स्वामी 15 दिन के भीतर पुराने निर्माण को स्वेच्छा से ध्वस्त करेंगे और छह माह के भीतर नए आढ़त बाजार में निर्माण कार्य पूर्ण करेंगे।
10 वर्षों तक क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना देहरादून शहर के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा—
> “हमारा उद्देश्य है कि सभी प्रभावित व्यापारी सम्मानजनक पुनर्वास के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त व्यावसायिक परिसर में शीघ्र स्थानांतरित हों। प्राधिकरण की प्राथमिकता पारदर्शिता और जनहित है।”
उन्होंने यह भी बताया कि नए आढ़त बाजार में आवंटित भूखंड का 10 वर्षों तक किसी भी प्रकार का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित रहेगा, ताकि पुनर्विकास का उद्देश्य सुरक्षित रहे।
साथ ही, पुराने बाजार के चौड़ीकरण कार्य हेतु लेफ्ट और राइट साइड के लिए दो अलग-अलग टीमें गठित करने के निर्देश दिए गए।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था होगी सुगम
तिवारी ने कहा कि आढ़त बाजार के शिफ्ट होने और चौड़ीकरण से आमजन को सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक तक लगने वाले जाम से राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा—
> “यह परियोजना व्यापारिक, यातायात और शहरी सौंदर्य के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। पुनर्विकास से देहरादून की ट्रैफिक व्यवस्था सुव्यवस्थित होगी और नागरिकों को सुगम आवागमन का अनुभव मिलेगा।”
सुनियोजित विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा कि यह परियोजना देहरादून शहर के सुनियोजित और स्वच्छ विकास की दिशा में एक अहम पहल है।
उन्होंने कहा—
“परियोजना का उद्देश्य पारंपरिक व्यापारिक ढांचे को आधुनिक रूप देना और व्यापारियों को स्वच्छ, सुरक्षित एवं सुविधाजनक कार्यस्थल उपलब्ध कराना है। भूखंड आवंटन और प्रतिकर प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से पूरी की जाएगी।”
बैठक में रहे उपस्थित
बैठक में प्राधिकरण सचिव मोहन सिंह बर्निया, संयुक्त सचिव गौरव चटवाल, वित्त नियंत्रक संजीव कुमार, अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार, अवर अभियंता सुनील उपरेती, पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार, सहायक अभियंता मुस्ताक आलम, सीओ जगदीश चंद्र पंत, तथा आढ़त बाजार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेंद्र गोयल, सचिव विनोद गोयल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।