फतेहपुर में तीन लोगों की हत्या से सनसनी: चुनावी रंजिश बनी वजह

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अखरी गांव में मंगलवार सुबह एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मरने वालों में एक पिता, उसका बेटा और पोता शामिल है। यह हत्या गांव के प्रधान चुनाव को लेकर चल रही पुरानी दुश्मनी की वजह से की गई। घटना के बाद गांव में डर और तनाव फैल गया है। पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया है।
जान-बूझकर किया गया हमला
मृतकों के परिवार की शिकायत के अनुसार, गांव के पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू और उसके बेटे व साथियों ने पहले से योजना बनाकर तीनों पर हमला किया। जब वे खेत जा रहे थे, तभी घात लगाकर बैठे आरोपियों ने गोलियों से हमला कर दिया। गोली लगने के बाद भी उन्होंने लाठियों से शवों को पीटा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि पप्पू सिंह को 5, उनके बेटे अभय को 2 और भाई अनूप को 1 गोली मारी गई थी।
कई सालों से चल रही थी दुश्मनी
इस परिवार और हमलावरों के बीच कई सालों से झगड़ा चल रहा था। पहले इनके पिता भी एक-दूसरे से लड़ते थे। गांव में लोगों का कहना है कि दोनों पक्षों में हमेशा तनातनी रहती थी, और ये हमला उसी पुरानी रंजिश का नतीजा है।
पुलिस की लापरवाही भी सामने आई
सोशल मीडिया पर कुछ पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें मृतक पप्पू सिंह पर पहले भी हमला होता दिख रहा है। एक वीडियो में वह पुलिस से कहते हैं कि उन्हें किसी से डर नहीं है और पुलिस जितने केस चाहे दर्ज कर ले। एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी पप्पू सिंह को गालियां भी देता दिख रहा है। इससे पुलिस की लापरवाही और पक्षपात पर भी सवाल उठ रहे हैं।
तीन आरोपी गिरफ्तार, बाकी की तलाश जारी
पुलिस ने शिकायत के आधार पर छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। अब तक तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी की तलाश के लिए 10 टीमें बनाई गई हैं। अधिकारियों ने परिवार को भरोसा दिलाया है कि न्याय मिलेगा।
मायावती ने सरकार को घेरा
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया पर घटना को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था कमजोर हो गई है और लोगों को इंसाफ नहीं मिल रहा।
गांव में गुस्सा और हंगामा
घटना के बाद गांव वालों ने शव उठाने से मना कर दिया और खूब हंगामा किया। पुलिस के समझाने और कार्रवाई के भरोसे के बाद ही शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे जा सके।
अब सवाल ये है कि क्या सरकार और पुलिस मिलकर पीड़ित परिवार को सही समय पर इंसाफ दिला पाएंगे?