
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक 12 वर्षीय नाबालिग किशोरी के साथ 73 वर्षीय व्यक्ति द्वारा दुष्कर्म की वीभत्स घटना पर राज्य महिला आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग की अध्यक्ष ने इस शर्मनाक अपराध की घोर निंदा करते हुए इसे मानवता को शर्मसार करने वाला बताया है और दोषी को किसी भी कीमत पर न बख्शने की बात कही है।
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के ‘भूखे और वहशी दरिंदों’ को फास्टट्रैक कोर्ट के माध्यम से कठोरतम सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में एक कड़ा संदेश जाए। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा से फोन पर वार्ता कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
इसके साथ ही आयोग अध्यक्ष ने जिलाधिकारी से आरोपी के ठेकेदारी से संबंधित सभी लाइसेंस रद्द करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर निवेदन करेंगी कि आरोपी की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जाए और फास्टट्रैक कोर्ट में सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
महिला आयोग की सदस्य उर्मिला जोशी जल्द ही पीड़ित किशोरी और उसके परिजनों से मुलाकात करेंगी और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराएंगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे मामले की पूरी जानकारी पर लगातार नजर रखे हुए हैं और सभी संबंधित अधिकारियों से संवाद में हैं।
आयोग अध्यक्ष ने बयान में कहा, “जो लोग देवभूमि की अस्मिता से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें समाज में जीने का कोई अधिकार नहीं है। मैं चाहती हूं कि न्यायालय ऐसे निकृष्ट मानसिकता वाले लोगों को फांसी की सजा दे।”
इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है, और अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि शासन-प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और सख्ती से कदम उठाता है।