वक्फ संशोधन विधेयक पर हरीश रावत का बयान: भाजपा के ध्रुवीकरण एजेंडे का हिस्सा

लोकसभा में पेश किए जाने वाले वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इस विधेयक को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ध्रुवीकरण एजेंडे का हिस्सा बताया।
हरीश रावत ने कहा कि पहले भी वक्फ अधिनियम में संशोधन किए गए थे, जिन पर सवाल उठे थे, लेकिन उन मुद्दों को चर्चा और संवाद के माध्यम से हल किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार केंद्र सरकार समाधान निकालने के बजाय ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है।
रावत ने कहा,
“सरकार को इस विधेयक पर खुली चर्चा करनी चाहिए और सभी हितधारकों को शामिल करना चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है कि यह सिर्फ ध्रुवीकरण की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए लाया गया है।”
भाजपा सरकार का तर्क है कि वक्फ संपत्तियों को लेकर पारदर्शिता और उचित प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए इस विधेयक को लाया जा रहा है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के सही उपयोग और अनियमितताओं को रोकने में मदद मिलेगी।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार करना और संपत्तियों की निगरानी को मजबूत बनाना है। हालांकि, विपक्ष इसे धार्मिक ध्रुवीकरण से जोड़ रहा है और इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक कदम बता रहा है।
इस विधेयक को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच टकराव बढ़ सकता है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां इसे मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश बता रही हैं, जबकि भाजपा इसे वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक कदम मान रही है।