
देहरादून, 10 सितम्बर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार हिमालय संरक्षण को लेकर पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और इस महत्वपूर्ण कार्य में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी जरूरी है।
मंगलवार को आईआरडीटी सभागार में आयोजित हिमालय दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय मात्र बर्फीली चोटियों और पर्वतमालाओं का समूह नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप का जीवन स्त्रोत है। इसकी पर्वतीय नदियां पूरे देश की जीवनधारा हैं और यहां पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियां आयुर्वेद का आधार हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से हिमालय गंभीर संकट का सामना कर रहा है। ग्लेशियरों के पिघलने से भविष्य में जल संकट और पारिस्थितिक असंतुलन की चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में अप्रत्याशित क्लाउड बर्स्ट और भूस्खलन जैसी आपदाएं अब लगातार बढ़ रही हैं।
उन्होंने बताया कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिक संस्थानों और विशेषज्ञों के बीच समन्वय आवश्यक है। इसी उद्देश्य से सरकार ने उच्च स्तरीय समिति के गठन के निर्देश दिए थे और इस वर्ष नवंबर में राज्य में जलवायु परिवर्तन पर विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
धामी ने कहा कि हिमालय संरक्षण केवल सरकार का नहीं बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग और मार्गदर्शन में राज्य सरकार डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम, ग्लेशियर रिसर्च सेंटर, जल स्रोत संरक्षण अभियान और जनभागीदारी कार्यक्रमों के माध्यम से दीर्घकालिक संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम शुरू किया गया है, जिससे हिमालयी क्षेत्र में 72 टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में सफलता मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन को सस्टेनेबल तरीके से बढ़ावा देना होगा ताकि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना इसका विकास हो सके।
मुख्यमंत्री ने हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनकी जीवनशैली और परंपराएं हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करना सिखाती हैं। सरकार ने हर वर्ष 2 से 9 सितम्बर तक हिमालय जनजागरूकता सप्ताह मनाने का निर्णय भी लिया है।
इस अवसर पर पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि इस वर्ष पूरे हिमालयी क्षेत्र में आपदाएं आई हैं और अब मानसून काल डराने लगा है। उन्होंने हिमालय के पर्यावरण संरक्षण के लिए नए सिरे से सोचने की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम में विधायक किशोर उपाध्याय, मेयर सौरभ थपलियाल, दर्जाधारी मधु भट्ट, यूकॉस्ट महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, सूर्यकांत धस्माना सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।