उत्तराखंडसामाजिक

हिमाचल की गायों की नस्‍ल उत्तराखंड से मंगवाईं सीमन से

बद्दी (सोलन)।

गायें अब बछड़े की जगह बछड़ी को ही जन्म देंगी। साथ ही गोवंश अब सड़क पर या किसी के खेत में जाकर कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। इसका कारण यह है कि उत्तराखंड में सेक्स सॉर्टिड सीमन योजना का सफल परीक्षण हुआ है। हिमाचल प्रदेश सरकार अब उत्तराखंड से तीन लाख ट्यूब सीमन मंगवाकर एक माह के भीतर हर जिले में पशुपालकों को वितरित किया जाएगा।
गौर हो कि वर्तमान में 16 हजार पशु अभी भी सड़कों पर लावारिस घूम रहे हैं। यह योजना इस दिशा में भी कारगर साबित होगी, वहीं गायों की नस्ल में भी सुधार होगा। हिमाचल प्रदेश गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने दावा किया है कि सेक्स सॉर्टिड सीमन के जरिये अब पशुपालक गाय से सिर्फ बछड़ी प्राप्त सकते हैं। इस योजना का ट्रायल उत्तराखंड में सफल रहा है और 422 गायों पर यह प्रशिक्षण किया गया था। 92 फीसदी गायों ने बछड़ियों को जन्म दिया है। इस तरीके से पैदा हुई बछियां दूध भी अन्य गायों से अधिक देंगी।
नस्ल सुधार के लिए टीके उपलब्ध
सरकार ने नस्ल सुधार करने के लिए भी योजना बनाई है। इसके तहत अब पशुपालक थार, पारकर, गिर, रेड, सिंधी व साईवाल प्रजाति के टीके गायों को लगा सकते हैं। इसके लिए विभाग ने यह टीके सभी जिलों में पशुपालन विभाग को उपलब्ध करा दिए हैं।

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