उत्तराखंड ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की बैठक में प्रस्तुत की उल्लेखनीय स्वास्थ्य उपलब्धियां

देहरादून: उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य की स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।
आठ राज्यों की उच्चस्तरीय बैठक
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने सक्रिय भागीदारी की। बैठक का मुख्य फोकस टीबी और खसरा-रूबेला उन्मूलन, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM), और 15वें वित्त आयोग की निधियों के प्रभावी उपयोग की समीक्षा पर था।
टीबी मुक्त भारत अभियान में उत्तराखंड का योगदान
डॉ. रावत ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उत्तराखंड में 100 दिवसीय तीव्र टीबी उन्मूलन अभियान को जनभागीदारी के साथ सफलतापूर्वक लागू किया गया है। विशेष रूप से आदिवासी और उच्च-प्रभावित क्षेत्रों में लक्ष्य आधारित कार्यवाही के माध्यम से उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त हुए हैं।
राज्य सरकार ने टीबी रोगियों की शीघ्र पहचान, उचित उपचार और पोषण सहायता के लिए एक व्यापक रणनीति अपनाई है, जिसके कारण टीबी उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
PM-ABHIM के अंतर्गत व्यापक विकास
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत उत्तराखंड में चार मुख्य क्षेत्रों में व्यापक कार्य किया जा रहा है:
स्वास्थ्य अवसंरचना सुदृढ़ीकरण: अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का उन्नयन: गांव और शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्रों का व्यापक उन्नयन किया गया है।
रोग निगरानी प्रणाली का विस्तार: बीमारियों की शीघ्र पहचान और नियंत्रण के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है।
स्वास्थ्यकर्मियों का नियमित प्रशिक्षण: चिकित्सा कर्मचारियों की क्षमता वृद्धि और नवीनतम तकनीकों से अवगत कराने के लिए निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
खसरा-रूबेला उन्मूलन में प्रगति
उत्तराखंड ने खसरा और रूबेला उन्मूलन की दिशा में भी उत्कृष्ट कार्य किया है। नियमित टीकाकरण अभियानों, बेहतर केस ट्रैकिंग प्रणाली, और विभिन्न सरकारी विभागों के बीच प्रभावी समन्वय के कारण राज्य इस राष्ट्रीय लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है।
कोविड-19 के लिए तैयारी
भविष्य की संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों को देखते हुए, डॉ. रावत ने राज्य की व्यापक तैयारियों की जानकारी दी। इसमें ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली की मजबूती, आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडारण, और स्वास्थ्यकर्मियों का नियमित प्रशिक्षण शामिल है।
केंद्रीय मंत्री की सराहना और दिशा-निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने राज्यों के प्रयासों की सराहना करते हुए टीबी उन्मूलन के लिए पांच मुख्य रणनीतियों पर जोर दिया:
- जनभागीदारी का विस्तार: समुदायिक स्तर पर जागरूकता और सहयोग बढ़ाना
- नियमित राज्य स्तरीय समीक्षा: प्रगति की निरंतर मॉनिटरिंग
- अभियान की पुनः रणनीति: आवश्यकता के अनुसार कार्य योजना में संशोधन
- अधिक NAAT जांच: तीव्र और सटीक निदान के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग
- पोषण योजनाओं का व्यापक क्रियान्वयन: मरीजों की जल्दी स्वस्थता के लिए
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि टीबी की दर को प्रति लाख जनसंख्या पर 47 से नीचे और मृत्यु दर को 3 से नीचे लाने के लिए प्रारंभिक और समग्र परीक्षण अत्यंत आवश्यक है।
केंद्र सरकार की प्रशंसा
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों की विशेष प्रशंसा की और राज्य से स्वास्थ्य क्षेत्र में इसी तरह की प्रगति बनाए रखने का आह्वान किया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. सुनिता टम्टा (महानिदेशक स्वास्थ्य), डॉ. मनु जैन (निदेशक, एनएचएम) सहित स्वास्थ्य विभाग के समस्त उच्च अधिकारी उपस्थित थे।उत्तराखंड की इस व्यापक प्रस्तुति से स्पष्ट होता है कि राज्य स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है और राष्ट्रीय स्वास्थ्य लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।