पेशाब पीने की योगिक प्रथा पर छिड़ी बहस: परेश रावल के बाद अब अभिनेत्री अनु अग्रवाल ने किया बड़ा दावा

हाल ही में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता परेश रावल के एक बयान ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी, जब उन्होंने खुलासा किया कि घुटने की गंभीर चोट से उबरने के लिए उन्होंने अपने मूत्र का सेवन किया था। अब इस विवादास्पद मुद्दे पर 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री अनु अग्रवाल ने भी चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा है कि उन्होंने भी यह प्राचीन योगिक प्रक्रिया अपनाई है, जिसे ‘अमरोली क्रिया’ कहा जाता है।
परेश रावल का खुलासा
परेश रावल ने अपनी शुरुआती फिल्म ‘घातक’ की शूटिंग के दौरान हुए एक हादसे को याद करते हुए बताया कि मछली बाजार में शूटिंग करते वक्त वह फिसल गए थे, जिससे उनके घुटने में गंभीर चोट आ गई थी। मुंबई के नानावटी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें लगने लगा था कि कहीं उनका अभिनय करियर खतरे में न पड़ जाए। उसी वक्त मशहूर स्टंट डायरेक्टर वीरू देवगन ने उन्हें एक अनोखा और असामान्य उपाय सुझाया—सुबह उठकर अपने पहले मूत्र का सेवन करना।
परेश ने बताया, “वीरू जी ने कहा था कि सभी फाइटर्स ऐसा करते हैं, इससे जल्दी आराम मिलता है। मैंने 15 दिनों तक ऐसा किया और डॉक्टर भी हैरान रह गए कि मेरी चोट इतनी जल्दी कैसे ठीक हो गई।”
अनु अग्रवाल का समर्थन और अनुभव
इस मुद्दे पर अब अभिनेत्री अनु अग्रवाल भी सामने आई हैं। इंस्टेंट बॉलीवुड से बातचीत में अनु ने कहा, “लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है या फिर वे इसे नजरअंदाज करते हैं। पेशाब पीने की प्रक्रिया को ‘अमरोली क्रिया’ कहते हैं। मैंने भी इसे अपनाया है और यह बेहद प्रभावी है।”
उन्होंने आगे कहा कि इसमें पूरा मूत्र नहीं पीया जाता, बल्कि केवल एक विशेष अंश का सेवन किया जाता है जिसे ‘अमृत’ कहा जाता है। अनु का दावा है कि यह प्रथा न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को भी धीमा करती है और चेहरे पर झुर्रियों को आने से रोकती है।
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विज्ञान बनाम योग पर अनु की राय
जब अनु से इस प्रथा के वैज्ञानिक आधार के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने आधुनिक विज्ञान को खारिज करते हुए कहा, “विज्ञान कितना पुराना है? मुश्किल से 200 साल, जबकि योग की परंपरा 10,000 साल पुरानी है। मैं किस पर विश्वास करूंगी? निश्चित रूप से योग पर। मैं इस प्रथा का पूरी तरह से समर्थन करती हूं।”
सामाजिक प्रतिक्रिया
हालांकि यह विषय सोशल मीडिया पर मजाक और आलोचना दोनों का कारण बना है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि कुछ लोग इसे गंभीरता से लेने लगे हैं। योग और आयुर्वेद से जुड़े कई लोग पहले से ही ‘अमरोली क्रिया’ को प्राकृतिक उपचार का हिस्सा मानते रहे हैं, और अब सेलेब्रिटीज के इस तरह के बयान इसे एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ले आए हैं।
भले ही पेशाब पीने जैसी प्रथाएं अधिकांश लोगों को अटपटी या अस्वाभाविक लगें, लेकिन अनु अग्रवाल और परेश रावल जैसे कलाकारों के अनुभव इस मुद्दे को एक नई रोशनी में सामने लाते हैं। अब यह लोगों पर निर्भर है कि वे इसे पुरानी योगिक परंपरा मानकर स्वीकारते हैं या विज्ञान के नजरिए से खारिज करते हैं।