
हल्द्वानी (उत्तराखंड)। डहरिया क्षेत्र की नीलांचल कॉलोनी से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को सन्न कर दिया है। मंगलवार रात एक झोपड़ी में अपनी मां के साथ सो रही आठ साल की बच्ची को एक नकाबपोश व्यक्ति उठाकर ले गया। आधे घंटे बाद बच्ची बदहवास हालत में लौटी, उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे और हाथ उसके ही कपड़ों से पीछे की ओर बंधे हुए थे।
घटना के बाद परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि अब तक पॉक्सो एक्ट की धाराएं नहीं जोड़ी गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों और अधिवक्ताओं में नाराजगी है।
घटना की पूरी कहानी
पीड़ित परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के शाहबाद क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। परिवार हल्द्वानी की नीलांचल कॉलोनी में एक खेत बटाई पर लेकर खेती करता है और वहीं खेत के कोने में झोपड़ी बनाकर रह रहा है। आसपास उसी परिवार के अन्य सदस्य और रिश्तेदार भी तीन झोपड़ियों में रहते हैं।
मंगलवार की रात लगभग पौने तीन बजे मां की नींद खुली तो उसने देखा कि उसकी सबसे छोटी आठ साल की बेटी बिस्तर पर नहीं है। घबराकर उसने तुरंत बेटी की तलाश शुरू की और आसपास सो रहे देवर और अन्य रिश्तेदारों को भी उठा लिया। खोजबीन के दौरान लगभग सवा तीन बजे बच्ची झोपड़ी के सामने कच्ची सड़क पर निर्वस्त्र हालत में आती दिखी।
मां दौड़कर उसके पास पहुंची और देखा कि बच्ची का हाथ उसके ही कपड़ों से पीछे बंधा हुआ था। बच्ची बेहद डर और सदमे में थी। मां ने जब धीरे-धीरे पूछताछ की तो उसने बताया कि किसी नकाबपोश ने उसे उठा लिया था और खेतों की ओर ले गया। उसके बाद क्या हुआ, उसे ठीक से याद नहीं है।
बड़ी बहन को उठाने की थी योजना?
बच्ची की बातों से एक चौंकाने वाला संकेत भी मिला। उसने मां को बताया कि नकाबपोश ने उससे कहा था – “अरे तुम्हें उठा लिया, हमें तो तुम्हारी बड़ी बहन को उठाना था।” इस बात से अंदेशा है कि आरोपी पीड़ित परिवार को जानता था और बच्चियों पर पहले से नजर रखे हुए था। यह जानकारी मिलते ही मां का कलेजा कांप गया और बच्ची डरकर मां के आंचल में छुप गई।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस सुबह मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। बच्ची के पिता की तहरीर पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सीओ सिटी नितिन लोहनी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है और स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
बच्ची को महिला चिकित्सालय (W.C.) के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। रिपोर्ट गुरुवार को आने की उम्मीद है। सीओ लोहनी ने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और दोषी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
पॉक्सो एक्ट की मांग
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता किशोर कुमार पंत ने कहा है कि ऐसी स्थिति में प्रथम दृष्टया पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगाई जानी चाहिए थीं। बच्ची की स्थिति और परिस्थितियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि उसके साथ कोई अनहोनी हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद उचित धाराएं जोड़ी जाएंगी।
मां का दर्द
मां ने कहा, “मैं मां हूं, जानती हूं कि मेरी बच्ची के साथ कुछ तो गलत हुआ है। वह जिस हालत में लौटी, वह देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। मैं चाहती हूं कि जो भी दोषी है, उसे कड़ी सजा मिले।”
इस दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जब खेतों में रहने वाले परिवार सुरक्षित नहीं हैं, तब बाकी समाज की बच्चियों की सुरक्षा का क्या होगा। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और पूरे शहर की नजरें अब इस मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय की उम्मीद पर टिकी हैं।