पहलगाम की शांत वादियां गोलियों की गूंज से दहलीं

पहलगाम/कश्मीर : कश्मीर की सुरम्य वादियों में एक बार फिर से इंसानियत को शर्मसार करने वाली आतंकी हिंसा ने न केवल प्रदेश को, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को जो कुछ हुआ, वह एक सुनियोजित नरसंहार था—जिसे भुला पाना असंभव है।
आतंकी हमले की बर्बरता
दोपहर करीब 2:45 बजे, सेना और पुलिस की वर्दी में छिपे छह आतंकियों ने अचानक गोलियों की बौछार कर दी। पर्यटकों से खचाखच भरी घाटी में लगभग 45 लोग मौजूद थे, जिनमें से 26 निर्दोष लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हमले को TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट) के कमांडर सैफुल्लाह ने अंजाम दिया, जो अब तक कई आतंकी घटनाओं में संलिप्त पाया गया है।
हिंदू यात्रियों को बनाया गया निशाना
घटना के चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों ने पहले यात्रियों का धर्म पूछा। उन्होंने हिंदू पुरुषों को जबरन कलमा पढ़ने के लिए कहा और जो लोग ऐसा नहीं कर सके, उन्हें गोली मार दी गई। एक पीड़िता आसावरी ने रोते हुए बताया, “मेरे सामने मेरे पापा को तीन गोलियां मारी गईं। वो कुछ नहीं कह पाए, बस खड़े रह गए… और आतंकियों ने उन्हें मार डाला।”
शादी के कुछ दिन बाद उजड़ गया सपना
इस हमले में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी मनीष रंजन भी घायल हुए हैं। वहीं, विनय नरवाल और उनकी पत्नी, जो कुछ दिन पहले ही विवाह बंधन में बंधे थे, इस हमले का शिकार हो गए। आंखों में हज़ारों सपने लिए निकले इस नवविवाहित जोड़े की कहानी अब कभी पूरी नहीं होगी।
सवाल खड़े करती है यह घटना
यह घटना ना केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आतंकियों की सोच अब धार्मिक पहचान को निशाना बनाकर समाज को विभाजित करने की ओर बढ़ रही है। पर्यटक स्थल पर हुआ यह हमला, कश्मीर के शांति प्रयासों पर करारा प्रहार है।