भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा स्वीकार, और मजबूत होंगे CM धामी

Bhagat Singh Koshyari’s resignation accepted, CM Dhami will be stronger
एक परफेक्ट प्लान , लंबी योजना और राजनैतिक नफे नुकसान की आंकड़ेबाजी के साथ ही उत्तराखंड के चाणक्य भगत दा ने राजभवन त्याग दिया है। जिसकी संभावना थी आज वही हुआ और अब उत्तराखंड में वो अपने सियासी शिष्यों के साथ दिखेंगे।
महाराष्ट्र के नए राज्यपाल (Mahrashtra Governor) रमेश बैस (Ramesh Bais) को बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshiyari) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल के साथ-साथ लद्दाख के उपराज्यपाल (Laddakh LG) राधा कृष्णन माथुर के इस्तीफे को स्वीकार किया गया है. साथ ही कई राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ती की गई है. जानकार बता रहे हैं कि ये राजनीति के कुशल खिलाड़ी कोश्यारी की होशियारी का प्लान A था जो कामयाब हुआ है। अब भगत दा प्लान B पर काम करेंगे लेकिन वो क्या है ये अंदरखाने सब जानते हैं।
हालांकि अपने इस्तीफे के दौरान राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पहाड़ के इस बड़े नेता ने कई व्यक्तिगत वजह बताइए लेकिन उत्तराखंड की राजनीति को लंबे समय से देख रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि अपने प्रिय शिष्य का मार्गदर्शन और उसकी सरकार को मजबूती देने के लिए गुरु कोश्यारी का यह कदम बेहद जरूरी था और इसके लिए लंबे समय से ताना-बाना भी बना जा रहा था।
कई बार मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मुलाकातों को भी ताज़ा परिस्थितियों से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें आज की ताजा सूरते हाल की पटकथा लिखी गई होगी ऐसे मे धामी गुट को जहां नई ताकत मिलेगी वही भाजपा के अंदर ही धानी विरोधियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती भी बनेगी। क्योंकि उत्तराखंड के मौजूदा हालात में धामी सरकार कई चुनौतियों पर लड़ रही है ऐसे में अगर अनुुुभवी लीडर और राजनैतिक गुरु भगत दा का उन्हें मार्गदर्शन अब खुलकर मिलेगा तो सीएम धानी का किला मजबूत होगा और उनके विरोधियों को पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।