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शिक्षकों के पहाड़ में तैनाती पर तबादलों की सीमा नहीं होगी लागू, ये भी दायरे में नहीं आएंगे

उत्तराखंड

राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत पति-पत्नी, सेवारत पति-पत्नी के इकलौते पुत्र या पुत्री के दिव्यांग होने और गंभीर बीमार शिक्षक एवं कर्मचारी भी अधिकतम तबादलों की सीमा के दायरे में नहीं आएंगे।

प्रदेश में इन दिनों शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों की प्रक्रिया चल रही है। तबादलों के लिए इस बार सुगम से दुर्गम और दुर्गम से दुर्गम में अनुरोध के आधार पर तबादला पाने वाले शिक्षक और कर्मचारी तबादलों के लिए तय की गई अधिकतम सीमा 15 फीसदी के दायरे में नहीं आएंगे।

तबादला एक्ट के तहत कर्मचारियों के सुगम और दुर्गम क्षेत्र में की गई सेवा के आधार पर तबादले किए जाते हैं, लेकिन शत प्रतिशत तबादलों के स्थान पर कभी 10 तो कभी 15 फीसदी शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों की अधिकतम सीमा तय की जाती है।

इस साल तबादलों की अधिकतम सीमा 15 फीसदी तय की गई है, लेकिन अनुरोध के आधार पर सुगम से दुर्गम क्षेत्र में तबादले, दुर्गम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र में तबादले, विधवा, विधुर, परित्यक्ता एवं तलाकशुदा कर्मचारियों के अनुरोध के आधार पर तबादले 15 फीसदी के दायरे में नहीं आएंगे। वहीं, राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत पति-पत्नी, सेवारत पति-पत्नी के इकलौते पुत्र या पुत्री के दिव्यांग होने और गंभीर बीमार शिक्षक एवं कर्मचारी भी अधिकतम तबादलों की सीमा के दायरे में नहीं आएंगे।

अनुरोध के आधार पर होने वाले इन शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादले अधिकतम सीमा 15 फीसदी के दायरे में नहीं आएंगे, जिससे अधिक शिक्षकों के तबादले हो सकेंगे। शासन ने इसका आदेश जारी किया गया है। -बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक

 

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